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18 मार्च 2010

स्टॉकिस्टों व मसाला निर्माताओं की मांग से हल्दी में तेजी

स्टॉकिस्टों के साथ मसाला निर्माताओं की मांग बढ़ने से चालू महीने में हाजिर बाजार में हल्दी के दाम 27 फीसदी और वायदा बाजार में 37।5 फीसदी बढ़ चुके हैं। निजामाबाद मंडी में मंगलवार को हल्दी के दाम बढ़कर 11,100 रुपये प्रति `िंटल हो गए। हालांकि दाम काफी ऊंचे हो चुके हैं इसलिए मौजूदा कीमतों में मुनाफावसूली आने से हल्की गिरावट आ सकती है। लेकिन अप्रैल के प्रथम सप्ताह से पहले उत्पादक मंडियों में आवक नहीं बढ़ेगी। इसीलिए चालू महीने के आखिर तक कीमतें तेज बनी रह सकती हैं। कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान ने बताया कि वायदा बाजार में निवेशकों की लगातार खरीद बनी हुई है जिसका असर हाजिर बाजार में भी हल्दी की कीमतों पर पड़ रहा है। नेशनल कमोडिटी एंड डेयरव्टिव एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर एक मार्च को अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में हल्दी का भाव 7,586 रुपये प्रति `िंटल था जोकि मंगलवार को बढ़कर 10,436 रुपये प्रति `िंटल हो गया। ऊंचे भाव में निवेशकों की मुनाफावसली आने से हल्दी गिरावट संभव है। अप्रैल वायदा अनुबंध में मंगलवार को 14,440 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं। निवेशकों की भारी खरीद के परिणामस्वरूप ही पिछले कई दिनों से वायदा बाजार में लगातार चार-चार फीसदी की तेजी दर्ज की जा रही है। निजामाबाद मंडी स्थित मैसर्स मनशाराम योगेश कुमार के प्रोपराइटर पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि निजामाबाद मंडी में हल्दी की दैनिक आवक 10,000 हजार बोरी और इरोड़ मंडी में 15,000 हजार बोरी (एक बोरी-70 किलो) की हो रही है।अन्य उत्पादक मंडियों में आवक अप्रैल के प्रथम सप्ताह में बनेगी। चूंकि इस समय पाइपलाइन खाली है इसलिए स्टॉकिस्टों के साथ ही मसाला निर्माताओं की अच्छी मांग बनी हुई है। जिससे कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है। निजामाबाद मंडी में मंगलवार का हल्दी के दाम बढ़कर 11,100 रुपये प्रति `िंटल हो गए जबकि एक मार्च को भाव 9,000 रुपये प्रति `िंटल थे। इरोड़ मंडी स्थित मैसर्स ज्योति ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर एस सी गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में देश में हल्दी का उत्पादन पिछले साल के 43 लाख बोरी से बढ़कर 48 लाख बोरी होने का अनुमान है। इस समय उत्पादक मंडियों में करीब तीन लाख बोरी का बकाया स्टॉक भी बचा हुआ है। ऐसे में चालू सीजन में देश में कुल उपलब्धता बढ़कर करीब 51 लाख बोरी की बैठेगी। पिछले साल व्यापारियों के साथ ही किसानों ने भी हल्दी का ऊंचा दाम देखा है इसलिए किसान नीचे भाव में बिकवाली कम रहे हैं जबकि स्टॉकिस्टों की खरीद बराबर बनी हुई है। जिससे भाव में तेजी को बल मिल रहा है। हालांकि अप्रैल में आवक बढ़ने पर कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि दाम ऊंचे रहे तो निर्यात मांग भी कमजोर रह सकती है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार जनवरी में हल्दी के निर्यात में 22.61 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 3,250 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल जनवरी में 4,200 टन का निर्यात हुआ था। (बिज़नस भास्कर)

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