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18 मार्च 2010

मांग बढ़ने से नेचुरल रबर में रिकॉर्ड तेजी

टायर उद्योग की मांग बढ़ने और उत्पादन में कमी आने से घरलू बाजार में नेचुरल रबर की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। मंगलवार को कोट्टायम में आरएसएस-4 के दाम बढ़कर 149 और आरएसएस-5 के 147 रुपये प्रति किलो हो गए। चालू वित्त वर्ष के पहले ग्यारह महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान देश में रबर के उत्पादन में 4।3 फीसदी की कमी आई है। जबकि वर्ष 2010-11 में देश में नेचुरल रबर की खपत में 6.8 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। उधर, विदेशी बाजार में भाव तेज है, इसलिए आगामी दिनों में इसकी कीमतें तेज ही बने रहने की संभावना है। मैसर्स हरिसंस मलायलम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरक्टर पंकज कपूर ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में मांग के मुकाबले उत्पादन कम होने से नेचुरल रबर की कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है। फरवरी महीने के शुरू में कोट्टायम में आरएसएस-4 नेचुरल रबर के भाव 137 रुपये और आरएसएस-5 के भाव 134 रुपये प्रति किलो थे। जबकि मंगलवार को कीमतें बढ़कर क्रमश: 149 रुपये और 147 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। पिछले एक साल में कीमतें लगभग दोगुनी हो चुकी है। मार्च 2009 में इनके भाव क्रमश: 75 और 74 रुपये प्रति किलो थे। रुपये के मुकाबले डॉलर की कमजोरी और विदेशी में भाव तेज होने का असर भी घरलू कीमतों पर पड़ रहा हैं। ऐसे में आगामी दिनों में घरलू बाजार में नेचुरल रबर की मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की संभावना है।उधर, विदेशी बाजार में ऊंचे दाम पर मांग कमजोर होने से नेचुरल रबर की कीमतों में हल्की गिरावर्ट दर्ज की गई। सिंगापुर कमोडिटी एक्सचेंज (सीकॉम) में पिछले एक सप्ताह में कीमतों में तीन रुपये प्रति किलो की गिरावट आकर नेचुरल रबर के दाम 146-147 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) रह गए। भारतीय रबर बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले ग्यारह महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान कुल उत्पादन में 4.3 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान उत्पादन घटकर 780,750 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल 816,200 टन का उत्पादन हुआ था।बोर्ड के सूत्रों के अनुसार वर्ष 2010-11 में देश में नेचुरल रबर का उत्पादन 901,680 टन होने का अनुमान है जबकि इस दौरान खपत बढ़कर 986,860 टन होने की संभावना है। मार्च से अगस्त तक लीन सीजन होने के कारण देश में नेचुरल रबर का उत्पादन कम रहता है। फरवरी महीने में देश में नेचुरल रबर के उत्पादन में 6.7 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस दौरान 51,500 टन नेचुरल रबर का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल फरवरी महीने में 48,259 टन का ही उत्पादन हुआ था। रबर मर्चेट एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि घरलू मांग ज्यादा होने से चालू वित्त के अप्रैल से फरवरी तक भारत में आयात तो बढ़ा है लेकिन निर्यात घटा है। जिससे घरलू बाजार में फरवरी के आखिर में स्टॉक बढ़कर पिछले साल के 216,780 टन से बढ़कर 269,750 टन का हो गया। अप्रैल से फरवरी के दौरान कुल आयात पिछले साल के 71 हजार टन से बढ़कर 1.57 लाख टन का हुआ है। इस दौरान भारत से निर्यात 44,964 टन से घटकर 15,358 टन का ही हुआ है।rana@businessbhaskar.net (बिसनेस भास्कर)

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