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20 फ़रवरी 2010

एलएमई में इन्वेंट्री घटने से चढ़ने लगे अल्यूमीनियम के दाम

लंदन मेटल एक्सचेंज में अल्यूमीनियम की इन्वेंट्री घटने से इसके मूल्य में तेजी आने लगी है। वैश्विक बाजार के साथ घरेलू बाजार में भी अल्यूमीनियम के दाम करीब पांच फीसदी बढ़ गए हैं। कारोबारियों के मुताबिक मांग और बढ़ने के कारण भी कीमतों में तेजी को बल मिला है। अल्यूमीनियम में तेजी का यह दौर फिलहाल जारी रहने की संभावना है। पिछले एक सप्ताह के दौरान एलएमई में इसके दाम 2000 डॉलर से बढ़कर 2150 डॉलर प्रति टन हो गए हैं। इस वजह से घरेलू बाजार में इसकी कीमते 92 रुपये से बढ़कर 98 रुपये प्रति किलो पर पहुंच चुकी है। अल्यूमीनियम कारोबारी राजेंद्र गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि एलएमई में दाम बढ़ने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में इजाफा हुआ है। उनका कहना है आने वाले दिनों में ऑटो और निर्माण सेक्टर से और मांग निकलने की उम्मीद है। ऐसे में इसकी कीमतों में और तेजी आ सकती है। एंजिल ब्रोकिंग के विश्लेषक अनुज गुप्ता का कहना है कि बीते दिनों में एलएमई में अल्यूमीनियम की इन्वेंट्री करीब 30 हजार टन घटकर 46 लाख टन रह गई है। इस वजह से इसके मूल्यों में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा चीन से इसकी मांग बढ़ी है। जानकारों का कहना है कि चीन में आने वाले में इसकी मांग और बढ़ सकती है। 2010 के दौरान में चीन में इसकी खपत 15 फीसदी बढ़कर 159 लाख टन तक पहुंच सकती है। दूसरी ओर फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्री के अनुसार भारत में वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान 12 लाख टन अल्यूमीनियम की खपत होने का अनुमान है, पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 11।5 लाख टन था। ऐसे में आगे इसके मूल्यों तेजी बरकरार रहने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल चीन, भारत और अमेरिका में निर्माण और पैकेजिंग सेक्टर में विकास से अल्यूमीनियम की मांग बढ़ी थी। इस वजह से इसके मूल्यों में 40 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। अल्यूमीनियम की खपत ट्रांसपोर्ट में 26 फीसदी, पैकेजिंग में 22 फीसदी, कंस्ट्रक्शन में 22 फीसदी, इलैक्ट्रिकल में 8 फीसदी, मशीनरी में 8 और अन्य क्षेत्रों में 14 फीसदी होती है। वहीं इसका सबसे अधिक उत्पादन एशिया में 43 फीसदी होता है इसके बाद 24 फीसदी यूरोप में, 22 फीसदी अमेरिका में और पांच फीसदी अफ्रीका में उत्पादन होता है।बात पते कीचीन में 2010 के दौरान खपत 15त्न बढ़कर 159 लाख टन तक पहुंच सकती है। भारत में भी अल्यूमीनियम का उपयोग बढ़ने की उम्मीद है। इससे तेजी बरकरार रहने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर)

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