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27 फ़रवरी 2010

सेज के बाद अब बनेंगे फूड पार्क

नई दिल्ली (पीटीआई) : सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह स्पेशल इकनॉमिक जोन (एसईजेड) और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के बाद अब देश में फूड पार्कों का निर्माण करने के बारे में सोच रही है। फूड पार्कों का निर्माण निजी भागीदारी के जरिये होगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को इंडस्ट्री चैंबर सीआईआई और फिक्की के नुमाइंदों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों को बताया- सरकार अब फूड पार्कों का निर्माण करने पर विचार कर रही है। सरकार इन पार्कों के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण करेगी। पर इन पार्कों का प्रबंधन प्राइवेट सेक्टर के जरिये किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन पार्कों में अलग-अलग तरह के ऐग्रिकल्चरल प्रॉडक्ट्स जमा किए जाएंगे। उनकी ग्रेडिंग होगी और फिर उनका एक्सपोर्ट किया जाएगा। कमलनाथ ने कहा- फलों और सब्जियों के निर्यात में पिछले साल 37 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। यह हालत तब है जब इन चीजों के रखरखाव के लिए हमारे पास कोल्ड चेन और दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है। सरकार ने भी इस सेगमेंट में एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए अब तक कुछ खास नहीं किया है। पर अब हमारा ध्यान इस पर है। अगले 3 साल तक ऐग्रिकल्चरल और फार्म प्रॉडक्ट पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि इंडियन कंपनियों के ऑर्गनाइज्ड रिटेल के कारोबार में प्रवेश करने के साथ ही पोस्ट-हारवेस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश का चलन हाल के दिनों में तेज हुआ है। इससे ऐग्रिकल्चर सेक्टर में तेजी आएगी। हमें ऐग्रिकल्चर सेक्टर में प्रॉडक्शन को बढ़ाकर इतना करना होगा कि घरेलू जरूरतें पूरी करने के बाद एक्सपोर्ट के लिए अच्छीखासी मात्रा बचे। कमलनाथ ने कहा कि चीन ऐग्रिकल्चरल प्रॉडक्ट्स का बड़ा आयातक देश है। पर उसने स्वच्छता का हवाला देकर इंडियन ऐग्रिकल्चरल प्रॉडक्ट्स के आयात पर पाबंदी लगा रखी है। अपनी हाल की चीन यात्रा के दौरान हमने चीन के कृषि मंत्री से इस बाबत बात की है। Nअव्भारत)

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