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23 फ़रवरी 2010

विशेषज्ञता की ओर बढ़ते जिंस बाजार

मुंबई February 22, 2010
भारत के जिंस वायदा एक्सचेंज अब अलग तरह की पहचान बना रहे हैं।
संयुक्त कारोबार की जगह वे बास्केट से संबंधित सौदों पर जोर दे रहे हैं। विदेशों की तरह भारत में भी वायदा कारोबार जल्द ही विशिष्ट उत्पादों के लिए जाने जाएंगे। इसकी पहल करते हुए भारत के सबसे बड़े जिंस एक्सचेंज, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स)ने अपना ध्यान बुलियन, मूल धातुओं और ऊर्जा पर केंद्रित किया है।
इस एक्सचेंज के कारोबार में इन तीन बास्केट की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत से ज्यादा है। एमसीएक्स का रोजाना का औसत कारोबार 30,000 करोड़ रुपये का है। एमसीएक्स इस समय तेजी से बढ़ रहे एक्सचेंजों में दुनिया का छठा बड़ा एक्सचेंज बन गया है। यह आकार उसे जनवरी से दिसंबर के बीच हुए सौदों के चलते मिला है।
विश्व के सबसे बड़े वायदा एक्सचेंजों की श्रेणी में आकर एमसीएक्स वर्तमान साल 2010 को मेटल एवं एनर्जी के साल के रुप में मनाने जा रहा है। इसके लिए एक्सचेंज ने अपने 'लोगो' को फिर से डिजाइन किया है और उसमंम मेटल एवं एनर्जी के वर्ग पर अधिक जोर दिया है।
ठीक इसी तर्ज पर नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) कृषि जिंसों के कारोबार के लिए जाना जाता है। तमाम कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर सरकार के प्रतिबंध के बावजूद यह एक्सचेंज पिछले 3 साल से कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर केंद्रित है और कुल 3000 करोड़ रुपये के प्रतिदिन औसत कारोबार में कृषि जिंसों की हिस्सेदारी 98 प्रतिशत से ज्यादा है।
एनसीडीईएक्स ने सोमवार को बादाम का वायदा कारोबार शुरू किया। एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक आर रामशेषन ने कहा कि हम कृषि जिंसों पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाया जाना बहुत खतरनाक है। यह प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए।
वहीं अहमदाबाद की नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) के सीईओ अनिल मिश्र का कहना है कि कंपनी अपने 800 करोड़ रुपये के रोजाना के कारोबार में 75 प्रतिशत कारोबार कृषि जिंसों का करती है। वहीं हाल ही में बाजार में उतरी इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स) ने अपना ध्यान मूल धातुओं, ऊर्जा और बुलियन पर केंद्रित किया है।
एक्सचेंज के सीईओ अजित मित्तल ने कहा कि एक्सचेंज के रोजाना के 1500 करोड़ रुपये के औसत कारोबार में इन तीन जिंसों की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत के करीब है।
खास हुए जिंस
एमसीएक्स का ध्यान बुलियन, मूल धातुओं और ऊर्जा परएनसीडीईएक्स की मजबूती में कृषि जिंसों की भूमिका 98 फीसदीएनएमसीई के कारोबार में भी 75 फीसदी हिस्सेदारी कृषि जिंसों कीआईसीईएक्स मूल धातुओं, ऊर्जा व बुलियन पर केंद्रित (बीएस हिंदी)

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