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20 जनवरी 2010

चीनी में तेजी की आस

मुंबई January 19, 2010
चीनी की कीमतें कम होने की सरकार की कोशिशें धूमिल नजर आने लगी हैं।
देश की प्रमुख चीनी कंपनी बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड (बीएचएल) का मानना है कि चालू पेराई सत्र (अक्टूबर 2009 से सितंबर 2010) के अंत तक चीनी का फैक्टरी मूल्य 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएगा।
सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले रिलीज ऑर्डर के मुताबिक कंपनियों द्वारा जारी चीनी के एक्स-फैक्टरी मूल्य में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। बहरहाल इस समय मिलें अपने उत्पाद की 10 प्रतिशत चीनी सरकार को 13.50 रुपये प्रति किलो के भाव देती हैं, जिसे बाद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जनता को 20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध कराया जाता है।
बीएनपी पारिबा के कुणाल वोरा और बीएचएल के संयुक्त प्रबंध निदेशक कुशाग्र बजाज के हालिया कंपनी विश्लेषण के मुताबिक कंपनी का शुगर रियलाइजेशन बढ़कर चालू पेराई सत्र में मार्च 2010 तक बढ़कर 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि खुदरा बाजार में आम लोगों को चीनी कम से कम 55 रुपये प्रति किलो मिलेगी।
हालांकि तमाम चीनी मिलों के वरिष्ठ अधिकारियों का अनुमान है कि रियलाइजेशन 40-45 रुपये प्रति किलो के बीच रहेगा। उत्तर प्रदेश की एक मिल के अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, 'इस समय की स्थिति को देखकर लगता है कि यह 45 रुपये प्रति किलो के स्तर को पार कर जाएगा। लेकिन लंबे समय तक यह स्तर बरकरार रहना कठिन है।'
चीनी की कीमतों के अनुमान में ढेरों समस्याएं हैं, क्योंकि सरकार लगातार नीतियों में बदलाव कर रही है। इसमें अतिरिक्त शुल्क मुक्त चीनी का आयात और अतिरिक्त चीनी जारी किया जाना शामिल है। सरकार का मिलों पर बहुत ज्यादा दबाव है, कि वे आने वाले दिनों में हाजिर बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी न होने दें।
अधिकारी ने कहा कि इसकी वजह से रियलाइजेशन एक सीमित दायरे में रह सकता है। एक पखवाड़े पहले चीनी के कारोबार में रियलाइजेशन 44 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन बाद में यह वर्तमान स्तर, 40 रुपये प्रति किलो पर आकर ठहर गया है।
सिंभावली शुगर्स के मुख्य वित्त अधिकारी संजय तापड़िया ने कहा, 'भारत में चीनी के दाम अंतरराष्ट्रीय भाव से जुड़े हुए हैं। ब्राजील में होने वाले किसी भी बदलाव से चीनी के दाम में अंतर आ सकता है, जो सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। वहां से कीमतों में किसी बदलाव के संकेत नहीं मिल रहे हैं।'
मिलें कर रही हैं बढ़त की उम्मीद
बजाज हिंदुस्तान को चीनी के फैक्टरी मूल्य 50 रुपये प्रति किलो पहुंचने की उम्मीदहालांकि अन्य कंपनियों का कहना है कि कीमतें होंगी 40-45 रुपये के बीच कीमतों को लेकर सरकार का मिलों पर दबाव, अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी बढ़त के संकेत नहीं (बीएस हिन्दी)

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