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13 जनवरी 2010

मांग बढ़ने से क्रूड ऑयल 15 महीनों के उच्च स्तर पर

क्रूड ऑयल की कीमतें सोमवार को करीब एक फीसदी बढ़कर करीब 15 महीनों के उच्चतम स्तर 83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं। चीन का आयात दिसंबर में करीब 25 फीसदी बढ़ने और अमेरिकी डॉलर में गिरावट क्रूड में तेजी के प्रमुख कारण रहे। अमेरिका में जारी शीत लहर और यूरोप में लगातार बढ़ रही मांग के कारण क्रूड ऑयल की कीमतों को समर्थन मिल रहा है। यूएस क्रूड ऑयल फरवरी वायदा के भाव 67 सेंट बढ़कर 83।42 डॉलर प्रति बैरल रहे। अक्टूबर 2008 के बाद यह सबसे बड़ी तेजी है। लंदन ब्रेंट क्रूड 60 सेंट की तेजी के साथ 81.97 डॉलर प्रति बैरल रहा। हालांकि क्रूड ऑयल जुलाई 2008 के 147 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से अब भी 43 फीसदी कम है। फ्रेंकफर्ट स्थित कॉमर्स बैंक के क्रूड आयल विश्लेषक कस्र्टन फ्रिच ने कहा कि कमजोर अमेरिकी डॉलर, सर्दी के कहर और चीन का क्रूड आयात बढ़ने के कारण क्रूड ऑयल की कीमतों को भारी समर्थन मिल रहा है। फिलहाल बाजार केवल सकारात्मक आंकड़ों की ओर ध्यान दे रहा है। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता चीन ने पहली बार दिसंबर में 200 लाख टन क्रूड आयात किया है जो नवंबर के मुकाबले करीब 25 फीसदी ज्यादा है। डॉलर के कमजोर होने से क्रूड ऑयल दूसरी मुद्राओं में सस्ता पड़ रहा है, जिससे खरीद में बढ़ोतरी दर्ज की गई। नाइजीरिया के प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र में तनाव से आपूर्ति घटने की आशंका के कारण भी क्रूड की कीमतों को समर्थन मिल रहा है। कारोबारियों की नजर आगे की स्थिति पर टिकी हुई है। तेल कंपनी शेवरॉन ने शनिवार को कहा था कि नाइजीरिया में उसे 20,000 बैरल प्रतिदिन क्रूड का उत्पादन बंद करना पड़ा है। शुक्रवार को कुछ हथियाबंद लोगों ने उस तेल पाइपलाइन पर हमला कर दिया, जिसका संचालन शेवरॉन के पास है। ऐसे में उत्पादन प्रभावित होने की खबरों से क्रूड की कीमतों में तेजी आ रही है। (बिज़नस भास्कर)

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