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24 दिसंबर 2009

मांग घटने से खाद्य तेल के दाम गिरे

खाद्य तेल उद्योग द्वारा सरकार से खाद्य तेल व तिलहनों के वायदा व्यापार पर नियम कड़े करने की मांग से हाजिर बाजार में पिछले तीन-चार दिनों में करीब तीन-चार रुपये प्रति किलो की गिरावट आ गई। दादरी में सरसों तेल की कीमतें घटकर 530-532 रुपये, कांडला बंदरगाह पर क्रूड पाम तेल के भाव 350 रुपये, इंदौर में सोया रिफाइंड तेल के 500 रुपये, हरियाणा में बिनौला तेल के 420 रुपये और राजकोट में मूंगफली तेल के भाव 650 रुपये प्रति दस किलो रह गए। खाद्य तेलों के रिकार्ड आयात का असर भी घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ रहा है। वैसे भी ब्याह-शादियों का सीजन समाप्त हो गया है इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट का अनुमान है।साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने केंद्र सरकार से खाद्य तेलों के वायदा पर नियम कड़े करने की मांग की है। एसईए के एक अधिकारी के मुताबिक वायदा में दाम बढ़ने का असर हाजिर बाजार पर पड़ता है इसलिए तिलहन व तेलों के वायदा व्यापार के तीन-चार महीनों के कांट्रेक्ट को घटाकर एक-दो महीने का किया जाना चाहिए। इसके अलावा इस पर मार्जिन को भी बढ़ा देना चाहिए।दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि ब्याह-शादियों का सीजन समाप्त होने के कारण खाद्य तेलों की मांग पहले की तुलना में घट गई है जिससे इसकी कीमतों में गिरावट आई है। देश में खाद्य तेलों के रिकार्ड आयात का असर पर भी इनकी कीमतों पर पड़ रहा है। रिकार्ड आयात होने के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा बनी हुई है जबकि विदेशों में तिलहनों के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। इसीलिए विदेशी बाजार में पिछले तीन-चार दिनों से लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। एसईए के मुताबिक वर्ष 2009-10 के पहले तेल महीने नवंबर में देश में खाद्य तेलों का आयात 36 फीसदी बढ़कर करीब 7.54 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में आयात 5.55 लाख टन का हुआ था। वर्ष 2008-09 तेल वर्ष (नवंबर से अक्टूबर) के दौरान खाद्य तेलों के आयात में 46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। इस दौरान 81.8 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ है जबकि इसके पिछले साल की समान अवधि में 5.60 लाख टन का ही आयात हुआ था। खाद्य तेल व्यापारी अशोक गुप्ता ने बताया कि हाजिर बाजार में सरसों का स्टॉक 12-13 लाख टन का बचा हुआ है। फरवरी महीने में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी।नई फसल के समय सरसों का बकाया स्टॉक करीब सात-आठ लाख टन का रहेगा जोकि पिछले साल के दो लाख टन से ज्यादा है। इसीलिए पिछले तीन-चार दिनों में सरसों की कीमतों में 200 रुपये की गिरावट आकर भाव 2775 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। सोया खली में निर्यात मांग कमजोर होने से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव भी घटकर 2325-2350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। (बिज़नस भासकर....आर अस राणा)

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