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21 दिसंबर 2009

हाय रे महंगाई... किसी की आई शामत तो कोई काटे मलाई

नई दिल्ली December 21, 2009
महंगाई की मार से आम आदमी भले ही हलकान हो लेकिन यही महंगाई एक तबके को मुनाफे की मलाई भी खिला रही है।
चीनी, चावल और चाय जैसी चीजों की आसमान छूती कीमतों से इनका उत्पादन करने वाली कंपनियां गदगद हैं। ऊंची कीमतें इनके शेयरों को भी मजबूती दे रही हैं। जाहिर है निवेशकों के लिए ये कंपनियां सौगात पेश कर रही हैं।
अप्रैल से अब तक इन कंपनियों के मुनाफे में 150 से 340 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है। इसको देखते हुए निवेशक भी इन कंपनियों पर अपना दांव आजमाने को वरीयता देते दिख रहे हैं। पिछले 37 वर्षों में हुई सबसे कम वर्षा ने खरीफ की फसल का गणित ही बिगाड़ दिया है जिससे मांग और आपूर्ति के बीच की खाई भी और चौड़ी हो गई है।
नतीजतन 5 दिसंबर को समाप्त हुए हफ्ते में खाने-पीने की चीजों की महंगाई पिछले 10 साल का रिकॉर्ड बनाकर 20 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। खाद्य पदार्थों में खास तौर से चीनी, दाल, चावल, चाय और सब्जियों की कीमतों में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है।
देश में चीनी की कुल मांग 2.3 करोड़ टन है और इस साल केवल 1.53 करोड़ टन चीनी उत्पादन का ही अनुमान लगाया जा रहा है। जानकारों का मानना है कि आयात के बाद भी स्थिति पूरी तरह नहीं सुधरने वाली। यही वजह है कि चीनी की खुदरा कीमतें बढ़कर 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।
चीनी बनाने वाली जो कंपनियां साल भर पहले नुकसान झेलने को आमादा थीं वही कंपनियों मौजूदा दौर में मुनाफे की पटरी पर सरपट दौड़ रही है। मिसाल के तौर पर चीनी उत्पादन की देश की सबसे बड़ी कंपनी बजाज हिंदुस्तान ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 69 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया जबकि पिछले साल इसी अवधि में कंपनी को 87 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
निवेश सलाहकार एस पी तुलसियान कहते हैं, 'मैं चीनी कंपनियों के शेयरों को लेकर एकदम आश्वस्त हूं। उनका सुनहरा दौर अभी आना बाकी है। चाय के बारे में भी इसी तरह का रुझान है। श्रीलंका और केन्या जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में चाय का उत्पादन कम हुआ है। इस वजह से अगर चाय की कीमतें पिछले साल से दोगुनी हो जाएं तो ताज्ज़ुब नहीं होना चाहिए।'
पिछले एक साल में चाय की कीमतें 30 से 40 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं और इसका उत्पादन करने वाली प्रमुख कंपनियों के वारे न्यारे हैं। खाद्य तेल बाजार का भी यही हाल है। इस बाजार से जुड़ी प्रमुख कंपनी रुचि सोया ने दूसरी तिमाही में 48.26 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया जबकि पिछले साल इसी दौरान कंपनी को 34.25 करोड़ रुपये का ही लाभ हुआ था।
महंगाई की पीठ पर सवारी
कंपनी कारोबार उछाल* बजाज हिंदुस्तान चीनी 341।62बलरामपुर चीनी चीनी 151.13मैकलॉयड रसेल चाय 291.09जय श्री चाय 264.58केआरबीएल बासमती 299.31एल टी फूड्स बासमती 124.74रुचि सोया खाद्य तेल 262.93*शेयर के भाव में 31 मार्च 2009 से फीसदी में उछाल (बीएस हिन्दी)

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