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26 दिसंबर 2009

मक्के का उत्पादन घटने से महंगा होगा स्टार्च

अहमदाबाद December 26, 2009
कम उत्पादन और स्टार्च की बढ़ी खपत के चलते स्टार्च की कीमत बढ़ने की उम्मीद है। स्टार्च उत्पादकों के मुताबिक निकट भविष्य में इसका भाव 10 से 15 फीसदी तक बढ़ेगा।
कम बारिश से आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में फसल के प्रभावित होने से मौजूदा सीजन के दौरान मक्के का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 10 लाख टन कम रहने का अनुमान है। मक्के का सीजन हर साल जुलाई से जून तक चलता है। स्टार्च उत्पादक कुल मक्का उत्पादन का 11 से 12 फीसदी इस्तेमाल अपने लिए करते हैं।
संतोष स्टार्च प्रॉडक्ट्स, अहमदाबाद के प्रबंध निदेशक गौतम चौधरी ने बताया, 'मक्के का उत्पादन घटने का स्टार्च उद्योग पर असर जरूर होगा। आने वाले महीनों में स्टार्च उत्पादकों को मक्के की कमी झेलनी होगी।' उन्होंने बताया कि सूखे स्टार्च का भाव अभी करीब 20 हजार रुपये प्रति टन है। इसमें 10 से 15 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
अखिल भारतीय स्टार्च निर्माता संघ के अध्यक्ष अमोल सेठ भी मानते हैं कि मांग बढ़ने से स्टार्च की कीमतें बढ़ेंगी। वे कहते हैं मक्के की मूल्य वृद्धि कीमतों में बढ़ोतरी की दूसरी वजह है। मुंबई के सहयाद्री स्टार्च के विशाल मजीठिया कहते हैं, 'मक्के का भाव फिलहाल 950 से 1,000 रुपये प्रति क्विंटल है। पिछले साल इसी समय यह 750 से 750 रुपये के करीब था।'
स्टार्च का इस्तेमाल खाद्य वस्तुओं, कपड़ा और गोंद तैयार करने में होता है। हाल में स्टार्च से तैयार होने वाले द्रव ग्लूकोस का मिठाई बनाने में इस्तेमाल चीनी की जगह खूब बढ़ा है। चौधरी कहते हैं, 'महंगी चीनी ने कइयों को इसका विकल्प आजमाने को मजबूर किया।'
2009-10 सीजन (जुलाई से जून) में मक्के का उत्पादन पिछले साल के 1.6 करोड़ टन से करीब 10 लाख टन कम रहने का अनुमान है। सेठ के मुताबिक, 'इस साल खरीफ सीजन में मक्के का पूरे देश में रकबा कमोबेश पिछले साल जितना रहा। पर आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कम बारिश से इसकी फसल बुरी तरह प्रभावित हुई।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी इस चलते मक्के की फसल प्रभावित हुई।' मक्के की फसल खरीफ और रबी दोनों ही सत्रों में पैदा की जाती है। खरीफ फसल की आवक पहले से शुरू हो गई है। अनुमान है कि इस साल खरीफ मक्के का उत्पादन पिछले साल के 1.4 करोड़ टन से 15 लाख टन (1.25 करोड़ टन) कम रहेगा।
बकौल सेठ, 'रबी सीजन में मक्के की बुआई अक्टूबर में शुरू हुई पर यह अभी भी जारी है। कारोबारियों का अनुमान है कि रबी मक्के के उत्पादन में 25 लाख टन की वृद्धि होगी। इस तरह 2009-10 में मक्के का कुल उत्पादन बढ़कर 1.5 करोड़ टन हो जाएगा।'
आवक के पीक पर होने के बावजूद मक्के की कीमतें फिलहाल 9।5 रुपये प्रति किलोग्राम है। इसके 10.5 रुपये प्रति किलो तक जाने का अनुमान है। अनुमान हैकि भारत इस साल भी 50 लाख टन मक्का निर्यात करेगा। (बीस हिन्दी)

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