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22 दिसंबर 2009

कृषि क्षेत्र को 765 अरब रुपये का नुकसान:वैज्ञानिक

बंगलुरू। भारतीय कृषि क्षेत्र में फल व सब्जियों और पोल्ट्री उत्पादन सड़ने के अलावा दूसरी वजहों से हर साल करीब 76,500 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट डीम्ड यूनीवर्सिटी करनाल के वैज्ञानिक का कहना है कि कृषि क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं में सुधार की जरूरत है। इसके अलावा फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विकास तेज करने की जरूरत है। यूनीवर्सिटी के डायरेक्टर तथा वाइस चांसलर डा। ए. के. श्रीवास्तव ने कहा कि कृषि क्षेत्र को होने वाला यह नुकसान तीन बड़े राज्यों के कुल वार्षिक बजट के बराबर है। कुल 76,500 करोड़ रुपये में से 52,400 करोड़ रुपये का नुकसान फल-सब्जियां और पोल्ट्री उत्पादन सड़ने से होता है। खाद्य वैज्ञानिकों और तकनीकविदों के 20वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में हर साल 14.9 करोड़ टन कृषि उत्पादन नष्ट हो जाता है क्योंकि सप्लाई चेन सुविधाएं अपर्याप्त हैं। इसके अलावा फूड प्रोसेसिंग बहुत कम होता है। (प्रेट्र)फसल उगने के बाद उसके रखरखाव की व्यवस्था एकदम अपर्याप्त है। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री इस समय देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8 फीसदी का योगदान करता है और इसका वार्षिक कारोबार करीब 26 अरब डॉलर है लेकिन यह अपर्याप्त है। इस उद्योग के और विस्तार की जरूरत है। (बिज़नस भास्कर)

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