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28 नवंबर 2009

कॉपर समेत बेसमेटल्स के भाव में गिरावट

दुबई संकट के उजागर होने के बाद लंदन में कॉपर के मूल्य में पिछले एक माह की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। लंदन मेटल एक्सचेंज में तीन माह डिलीवरी सोना 90 डॉलर (करीब 1.3 फीसदी) गिरकर 6,731 डॉलर प्रति टन रह गया। कॉपर के अलावा दूसरे बेसमेटल्स में भी गिरावट दर्ज की गई।अर्जेटीना में 2001 के बाद दुबई संकट में सबसे बड़ा डिफाल्ट होने ही आशंका के चलते शेयरों का एमएससीआई वल्र्ड इंडेक्स में 9 नवंबर के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। छह मुद्राओं वाले यूएस डॉलर इंडेक्स में शुक्रवार को सुधार दर्ज किया गया। यह इंडेक्स 15 माह के निचले स्तर पर पहुंच गया था। लंदन में सिटी ग्रुप के विश्लेषक डेविड थुर्टेल ने कहा कि निवेशक जोखिम भरे पोर्टफोलियो से बच रहे हैं। इसमें मेटल्स भी शामिल हैं। एलएमई के अलावा नायमैक्स के कॉमेक्स डिवीजन में कॉपर तीन फीसदी से ज्यादा गिर गया। कॉपर मार्च डिलीवरी कांट्रेक्ट 3.9 फीसदी गिरकर 3.0725 डॉलर प्रति पाउंड रह गया। कॉपर में गिरावट का रुख दूसरी वजहों से भी बन रहा है। एलएमई का कॉपर स्टॉक पिछले 20 सप्ताह से लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार को स्टॉक 0.7 फीसदी बढ़कर 435,075 टन तक पहुंच गया। यह स्टॉक पिछले 23 अप्रैल के बाद का सबसे ज्यादा है। एलएमई में तीन माह डिलीवरी निकेल भी 2.3 फीसदी गिरकर 16,199 डॉलर प्रति टन रह गया। शुक्रवार को इस कांट्रेक्ट ने 15,751 डॉलर प्रति टन का निचला स्तर छू लिया। 22 जुलाई के बाद की यह सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट रही। निकेल का स्टॉक 1.5 फीसदी बढ़कर 135,480 टन हो गया। निकेल का स्टॉक फरवरी 1995 के बाद का सबसे ज्यादा है। टिन में 1.5 फीसदी की गिरावट के बाद भाव 14,750 डॉलर प्रति टन रह गया। इसी तरह लेड फ्यूचर 3.4 फीसदी गिरकर 2,260 डॉलर प्रति टन और अल्यूमीनियम 1.1 फीसदी गिरकर 1,988 डॉलर प्रति टन रह गया। जिंक 2.6 फीसदी की नरमी के साथ 2,198.50 डॉलर प्रति टन रह गया। अनायास पैदा हुए दुबई संकट ने बेसमेटल्स के निवेशकों में घबराहट पैदा कर दी है। इससे पहले दूसरी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में गिरावट आने के साथ निवेशक मेटल खासकर कॉपर में पोजीशन ले रहे थे। इससे भाव में लगातार तेजी आ रही थी। हालांकि औद्योगिक मांग हल्की रहने से स्टॉक भी बढ़ रहा था। (बिज़नस भास्कर)

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