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30 नवंबर 2009

फीकी पड़ने लगी है हॉलमार्क कारोबार की चमक

अहमदाबाद : सोने के गहनों को हॉलमार्क प्रमाणित करने का कारोबार मंदा पड़ रहा है। सरकार द्वारा सोने के गहनों को हॉलमार्क प्रमाणित कराने की घोषणा के बावजूद इस कारोबार की चमक फीकी पड़ गई है। सरकारी घोषणा के मुताबिक सोने की शुद्धता की जांच, खासतौर पर मेट्रो शहरों में सोने के गहनों को हॉलमार्क प्रमाणित कराना अनिवार्य है। हालांकि, इसके बावजूद इसमें कोई प्रगति नजर नहीं आ रही है। दूसरी तरफ देश में हॉलमार्क प्रमाणित करने वाले केंद्र कुकुरमुत्ते की तरह तेजी से फैल रहे हैं। देश में ऐसे केंद्रों की संख्या ज्यादा होने से इस कारोबार में मुनाफा काफी कम रह गया है। वहीं, सोने के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे सोने के गहनों की बिक्री में भी गिरावट आई है।
यही वजह है कि हॉलमार्क प्रमाण देने वाले करीब 150 केंद्रों का ब्रेक ईवन तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। साल 2000 में देश भर में सिर्फ 5 हॉलमार्क केंद्र थे। उन दिनों हॉलमार्क कारोबार की शुरुआत हुई थी, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 150 हो गई है। अकेले गुजरात में करीब 12, मुंबई और दिल्ली में 20-20 हॉलमार्क केंद्र हैं। देश के कुल 3 लाख ज्वैलर्स में सिर्फ 7,000 ने हॉलमार्क लाइसेंस हासिल किया है। स्थानीय अनुमानों के मुताबिक बमुश्किल 20-30 फीसदी गहने हॉलमार्क प्रमाणित होते हैं। अहमदाबाद के एक रिफाइनर का कहना है, 'हालांकि, हॉलमार्क कारोबार से बेहतर नतीजे मिलेंगे लेकिन स्थानीय बाजारों में ग्राहकों को धोखा देने वाले ज्वैलर्स पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।' उल्लेखनीय है कि सरकारी कंपनी मिनरल एंड माइनिंग ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एमएमटीसी) देश की सबसे बड़ी सोना आयातक है। देश भर में एमएमटीसी के कई हॉलमार्क केंद्र हैं, लेकिन वहां कारोबार बिल्कुल नहीं है। अहमदाबाद में हॉलमार्क कारोबार करने वाले हासुभाई आचार्या ने कहा, 'सही ज्वैलर्स ही इस सुविधा का लाभ लेते हैं। कुछ दूसरे ज्वैलर्स अनियंत्रित तरीके से सोने के गहनों का कारोबार कर रहे हैं।' आमतौर पर हॉलमार्क की प्रक्रिया 6-8 घंटे लंबी होती है लेकिन कुछ केंद्र सिर्फ 1-2 घंटे में प्रक्रिया पूरी कर देते हैं। ईटी के साथ बातचीत में मुंबई के वर्षा बुलियन के बी। एच. मेहता ने कहा, 'कुछ हॉलमार्क सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए होते हैं।' गुजरात गोल्ड सेंटर के सुरेश कंसारा का कहना है, 'फायर एसेट प्रक्रिया एक मानक की तरह है जिससे हॉलमार्क के लिए सोने के स्तर का पता चलता है। सोने के विश्लेषण में कम से कम 4-5 घंटे का वक्त लगता है। इस प्रक्रिया का कोई दूसरा विकल्प नहीं है।' गुजरात गोल्ड सेंटर, सोने की जांच करने वाला देश का पहला केंद्र है। सोना महंगा होने के कारण इसकी बिक्री में काफी कमी आई है, जिससे हॉलमार्क का कारोबार घटा है। (ई टी हिन्दी)

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