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24 नवंबर 2009

चावल की सरकारी खरीद 9फीसदी ज्यादा

भले ही देश में धान की पैदावार गिरने का अनुमान हो लेकिन सरकारी खरीद तेज हो गई है। अभी तक फूड कारपोरशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) ने जो चावल की खरीद की है, वह पिछले साल की समान अवधि की खरीद के मुकाबले करीब 9.4 फीसदी ज्यादा है। एफसीआई अब तक 116 लाख टन चावल की खरीद कर चुकी है।एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले साल इस अवधि में 106 लाख टन चावल की खरीद की गई थी। दुनिया के दूसर सबसे बड़े चावल उत्पादक देश भारत में धान की ज्यादा खरीद होने के कारण चावल का सरकारी स्टॉक सुधर जाएगा। इससे सरकार को चावल आयात करने की जरूरत कम हो जाएगी। हालांकि इस साल देश में धान की पैदावार 150 लाख टन गिरने का अनुमान है। इस साल मानसूनी बारिश हल्की रहने से उत्पादन में कमी होने की संभावना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक नवंबर को देश में 217 लाख टन चावल का स्टॉक था। यह स्टॉक सरकार के बफर स्टॉक मानकों से 52 लाख टन ज्यादा था।सरकारी कंपनियों को उम्मीद है कि देश में इस साल 260 लाख टन चावल खरीद होगी। चावल खरीद का नया सीजन एक अक्टूबर को शुरू हुआ था। पिछले साल सरकारी एजेंसियों ने 333 लाख टन चावल की खरीद की थी। कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार ने पिछले दिनों कहा कि इस समय सरकार चावल आयात की इच्छुक नहीं है क्योंकि देश में चावल का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। पिछले माह सरकारी कंपनियों स्टेट ट्रेडिंग कारपोरशन ((एसटीसी), पीईसी और एमएमटीसी ने कुल 30,000 टन चावल आयात के लिए टेंडर मंगाए थे। लेकिन निर्यातकों ने खुले बाजार के मूल्य के मुकाबले काफी ऊंचे भाव पर चावल बेचने की पेशकश की। इस कारण चावल आयात न करने का फैसला किया गया। चावल की सरकारी खरीद में पंजाब और हरियाणा सबसे बड़े सप्लायर राज्य रहते हैं। (बिज़नस भास्कर)

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