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26 अक्तूबर 2009

हल्दी वायदा में कभी भी हो सकती है मुनाफा वसूली

वायदा बाजार में जबरदस्त ऊंचे भाव पर पहुंच चुकी हल्दी में मुनाफा वसूली होने के आसार बढ़ गए हैं। स्टॉक कमजोर होने से चालू महीने में हल्दी की कीमतों में 23 फीसदी की तेजी आ चुकी है। हाजिर बाजार में आई तेजी से वायदा बाजार में भी इस दौरान 27।6 फीसदी की भारी बढ़ोतरी हो चुकी है। उत्पादक मंडियों में हल्दी का मात्र पांच से छह लाख (एक बोरी 70 किलो) ही स्टॉक बचा हुआ है। नई फसल की आवक 15 जनवरी के बाद शुरू होगी। साथ ही आवक का दबाव फरवरी महीने में बनेगा। स्टॉकिस्टों की कमजोर बिकवाली से हाजिर बाजार में हल्दी की मौजूदा कीमतों में और तेजी के आसार हैं। वायदा में भारी बढ़तनेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) में दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में चालू महीने में करीब 27.6 फीसदी की भारी तेजी आ चुकी है। पहली अक्टूबर को दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध के भाव 7,173 रुपये प्रति क्विंटल थे। स्टॉक कमजोर होने से निवेशकों द्वारा भारी खरीद किये जाने से शुक्रवार को इसके भाव बढ़कर 9,159 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आर आर फाइनेंशियल प्राइवेट लिमिटेड के कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान ने बताया कि भाव काफी ऊंचे हो चुके हैं, इसलिए कभी भी निवेशकों की मुनाफा वसूली आ सकती है। दिसंबर महीने के वायदा में इस समय करीब 11,160 लॉट के खड़े सौदे हुए हैं।हाजिर में स्टॉक कमनिजामाबाद मंडी स्थित मैसर्स मनसाराम योगेश कुमार के प्रोपराइटर पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि उत्पादक मंडियों में इस समय मात्र पांच-छह लाख बोरी का ही स्टॉक है। नई फसल आने में अभी करीब ढाई महीने का समय है। घरेलू और निर्यातकों को मिलाकर हर महीने करीब दो से ढाई लाख बोरी की खपत हो रही है। इसीलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आ रही है। इससे तेजी को बल मिला है। प्रमुख उत्पादक मंडी इरोड़ में करीब दो लाख बोरी, डुग्गीराला में 1.25 लाख बोरी, निजामाबाद में 30,000 हजार बोरी, वारंगल में 25,000 हजार बोरी, कड़प्पा में 25,000 हजार बोरी, और महाराष्ट्र की नांदेड़, सांगली व अन्य मंडियों में करीब एक लाख बोरी का स्टॉक बचा हुआ है। उड़ीसा की बुरहानपुर मंडी में मात्र 15-20 हजार बोरी का स्टॉक है। गुप्ता ने बताया कि स्टॉक कम होने और मसाला निर्माताओं की अच्छी मांग से तेजी बनी हुई है। सर्दी के साथ-साथ ब्याह-शादियों का सीजन शुरू हो गया है, इसलिए हल्दी की मांग भी पहले की तुलना में बढ़ी है। नई फसल की आवक 15 जनवरी के बाद शुरू होगी इसलिए नवंबर-दिसंबर महीनें में हल्दी के भाव तेज ही बने रह सकते हैं।ऊंचे भावों में निर्यात घटाघरेलू बाजार में भाव ऊंचे होने और डॉलर कमजोर होने से सिंतबर महीने में भारत से हल्दी के निर्यात में कमी आई है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार सितंबर महीने में देश से हल्दी के निर्यात में 10.5 फीसदी की कमी होने से कुल निर्यात 4,250 टन का ही हुआ। पिछले साल की समान अवधि में इसका निर्यात 4,750 टन का हुआ था। घरेलू मंडियों में भाव रिकार्ड स्तर पर चल रहे हैं, इसलिए आगामी दो-तीन महीने निर्यात कमजोर ही रहने की उम्मीद है। अप्रैल से अगस्त के दौरान भारत से हल्दी का निर्यात तीन फीसदी बढ़ा था। इस दौरान कुल निर्यात 25,500 टन का हुआ था, जबकि पिछले साल अप्रैल से अगस्त के दौरान 24,875 टन का ही निर्यात हुआ था। चालू वित्त वर्ष में भारतीय मसाला बोर्ड ने निर्यात का लक्ष्य 51,000 टन का रखा है।पैदावार में बढ़ोतरी की संभावनामेसर्स ज्योति ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर सुभाष गुप्ता ने बताया कि महंगे भाव को देखते हुए चालू बुवाई सीजन में किसानों ने हल्दी की बुवाई ज्यादा क्षेत्रफल में की है। हालांकि हाल ही में आई बाढ़ से डुग्गीराला में फसल को कुछ नुकसान भी हुआ है। नये सीजन में देश में हल्दी का उत्पादन बढ़कर 52-55 लाख बोरी होने की संभावना है, जबकि पिछले साल उत्पादन 43 लाख बोरी का हुआ था। बिकवाली कम आने से निजामाबाद मंडी में हल्दी के दाम बढ़कर 10,000 रुपये प्रति क्विंटल के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गये हैं। एक अक्टूबर को निजामाबाद में इसके भाव 8,100 रुपये प्रति क्विंटल थे। इसी तरह से इरोड़ मंडी में हाजिर भाव बढ़कर 10,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। चालू महीने में इसकी कीमतों में करीब 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है।rana@businessbhaskar.net (आर अस राणा)

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