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19 सितंबर 2009

का जायजा लेकर लौटी टीम ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप

बिहार, कर्नाटक, झारखंड और मणिपुर से सूखे का जायजा लेकर लौटी टीम ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। कृषि आयुक्त डॉक्टर एन. बी. सिंह ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि बाकी राज्यों की रिपोर्ट भी जल्दी ही सरकार को मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में खरीफ फसल उत्पादन का आरंभिक अनुमान आ जाएगा। चालू खरीफ सीजन में धान की बुवाई 61.09 और तिलहनों की 12.35 लाख हैक्टेयर घटी है। बुवाई में कमी के बावजूद हाल ही में हुई बारिश से सरकार को खरीफ में अच्छे उत्पादन की उम्मीद तो है ही, साथ ही रबी फसलों की बुवाई भी बढ़ने की संभावना है। रबी फसलों की बुवाई के लिए राज्यों में खाद्य और बीज का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। डॉ एन. बी. सिंह ने कहा कि धान के प्रति हैक्टेयर पैदावार में बढ़ोतरी होगी तथा गन्ने की रिकवरी में भी इजाफा होगा। रबी गेहूं की बुवाई पहली नवंबर से शुरू हो जाएगी। जून, जुलाई और अगस्त के मध्य तक मानसून के विफल होने का प्रभाव खरीफ की फसलों की बुवाई पर पड़ा है। सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में धान की बुवाई 315.42 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है जबकि बीते वर्ष की इसी अवधि में 376.51 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। धान की बुवाई में सबसे ज्यादा कमी उत्तर प्रदेश में 20.61 लाख हैक्टेयर, बिहार में 11.71 लाख हैक्टेयर, झारखंड में 7.91 लाख हैक्टेयर और आंध्रप्रदेश में 7.23 लाख हैक्टेयर की कमी आई है। खरीफ तिलहनों का बुवाई क्षेत्रफल भी घटा है। तिलहनों की अब तक कुल बुवाई 167.40 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि बीते वर्ष इसी अवधि में ये 179.76 लाख हैक्टेयर था। बुवाई में सबसे ज्यादा कमी मूंगफली में 8.30 लाख हैक्टेयर में आई है। मोटे अनाजों का बुवाई रकबा 12.93 लाख हैक्टेयर बढ़ा है। अभी तक मोटे अनाजों की बुवाई 204.33 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले वर्ष मौजूदा अवधि में ये 191.40 लाख हैक्टेयर था। मोटे अनाजों में बाजरा की बुवाई में सबसे ज्यादा 11.82 लाख हैक्टेयर की बढ़त हुई है। दालों के बुवाई क्षेत्रफल में भी 4.95 लाख हैक्टेयर की बढ़त हुई है। आंकड़ों के अनुसार अभी तक 97.75 लाख हैक्टेयर में दलहनी फसलों की बुवाई की गई है। (बिज़नस भास्कर)

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