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26 सितंबर 2009

पैदावार में कमी से ग्वार में मजबूती का रुख

पैदावार में कमी और मिलों की मांग बढ़ने से पिछले दस दिनों में ग्वार की कीमत में 3.7 फीसदी और ग्वार गम की कीमत में 2.2 फीसदी की तेजी आई है। प्रतिकूल मौसम से चालू सीजन में देश में ग्वार की पैदावार में भारी कमी आने की आशंका है। हाजिर बाजार में आई तेजी से एनसीडीईएक्स पर अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में ग्वार की कीमत में 2.9 और गम की कीमतों में 2.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। राजस्थान की गंगानगर मंडी में ग्वार की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। अन्य उत्पादक क्षेत्रों में आवक का दबाव अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े तक बन जाएगा। अगले महीने मिलों की खरीद तो बढ़ेगी ही, साथ ही स्टॉकिस्टों की खरीद भी निकलेगी। ऐसे में ग्वार और ग्वारगम की कीमतों में तेजी आने की संभावना है।वायदा बाजार में तेजीनेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर ग्वार के अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में 2.9 फीसदी की तेजी आकर भाव 2120 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। 16 सितंबर को इसके भाव 2060 रुपये प्रति क्विंटल थे जबकि अक्टूबर महीने में 122,100 लॉट के सौदे खड़े हैं। इसी तरह से ग्वार गम के अक्टूबर महीने का वायदा अनुबंध पिछले दस दिनों में 2.4 फीसदी बढ़कर भाव 4498 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। 16 सितंबर को वायदा में ग्वार गम के भाव 4390 रुपये प्रति क्विंटल थे। ग्वार गम के अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में 18,045 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं।हाजिर बाजार में तेजीजोधपुर स्थित मैसर्स वसुंधरा ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर मोहन लाल ने बताया कि मिलों की मांग निकलने से पिछले दस दिनों में ग्वार और गम की कीमतों में मजबूती आई है। जोधपुर मंडी में शुक्रवार को ग्वार के भाव बढ़कर 2240 रुपये और ग्वार गम के भाव 4525 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। ग्वार चूरी के भाव 830 रुपये और कोरमा के 980-985 रुपये प्रति 75 किलो चल रहे हैं। गंगानगर मंडी में 500-600 बोरी नई फसल की आवक शुरू हो गई है। नए मालों में नमी होने के कारण भाव 1900 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े तक हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में ग्वार की आवक का दबाव बन जाएगा। विश्व स्तर पर आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। इसलिए ग्वार गम की निर्यात मांग बढ़ने की संभावना है। नई फसल की आवक बढ़ने पर मिलों के साथ स्टॉकिस्टों की खरीद निकलने से ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में तेजी आ सकती है।पैदावार और बकाया स्टॉकभारतीय ग्वार गम मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जीवन गांधी ने बताया कि उत्तर भारत के प्रमुख ग्वार उत्पादक राज्यों राजस्थान और हरियाणा में जून-जुलाई और अगस्त के मध्य तक बारिश सामान्य से काफी कम हुई है। चूंकि ग्वार की बुवाई ज्यादातर असिंचित क्षेत्रों में होती है। इसलिए बुवाई में भारी कमी आई है। चालू सीजन में ग्वार का उत्पादन घटकर 35-40 लाख बोरी ही होने की संभावना है जबकि पिछले साल देश में ग्वार का उत्पादन 90 से 95 लाख बोरी का हुआ था। ग्वार का करीब 25-30 लाख बोरी का बकाया स्टॉक बचा हुआ है। ऐसे में कुल उपलब्धता 60-70 लाख बोरी से ज्यादा नहीं बैठेगी। गांधी ने बताया कि पाकिस्तान में भी चालू सीजन में ग्वार की पैदावार घटकर आठ-नौ लाख बोरी ही होने की संभावना है। सामान्यत: पाकिस्तान में ग्वार की 12-13 लाख बोरी की पैदावार होती है। अत: भारत से ग्वार गम की मांग पिछले साल से ज्यादा रह सकती है।ग्वार गम का निर्यातकृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 के पहले दस महीनों के दौरान देश से ग्वार गम का 2.16 लाख टन का निर्यात हुआ है। (बिज़नस भास्कर....र स रना)

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