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18 सितंबर 2009

13 सप्ताह बाद मुद्रास्फीति हुई सकारात्मक

देश में खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों की बदौलत थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित (मुद्रास्फीति) की दर गत पांच सितंबर को समाप्त सप्ताह में पिछले तेरह सप्ताह के बाद सकारात्मक रुख अपनाकर 0.12 प्रतिशत दर्ज की गई। इससे पिछले सप्ताह में यह शून्य से 0.12 फीसदी नीचे रही थी।
सरकार की जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में वार्षिक मुद्रास्फीति दर 12.42 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति दर में सकारात्मक रुख लगभग तीन माह के बाद बाद आया है।
मुद्रास्फीति की दर में गिरावट में इस वर्ष छह जून को जारी आंकड़ों में शून्य से 1.61 प्रतिशत नीचे दर्ज की गई थी। इसके बाद यह लगातार शून्य से नीचे चल रही थी। हालांकि पिछले वर्ष दो अगस्त को मुद्रास्फीति की दर सर्वाधिक 12.91 प्रतिशत रही थी, जबकि इस वर्ष दो अगस्त को न्यूनतम स्तर पर शून्य से 1.74 प्रतिशत नीचे दर्ज की गई।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्राथमिक वस्तुओं के समूह में 1.3 की प्रतिशत वृद्धि हो गई। इस समूह के खाद्य वर्ग में 2.2 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। आलोच्य सप्ताह के दौरान मुर्गी उत्पाद में 16 प्रतिशत फल और सब्जियां में आठ प्रतिशत, सूअर के मांस में पांच प्रतिशत, मसालों में तीन प्रतिशत, बाजरा दो प्रतिशत और चावल तथा मूंग में एक-एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि ज्वार में दो प्रतिशत तथा मक्का और चाय में एक एक प्रतिशत की कमी आई।
गैर खाद्य वर्ग में लकड़ी में 19 प्रतिशत और सोयाबीन में पांच प्रतिशत कमी होने सें गैर खाद्य वर्ग में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि कच्चा रेशम, कपास और कच्ची रबड़ में तीन-तीन प्रतिशत और नारियल में दो प्रतिशत, सूरजमुखी, अरंडी और मूंगफली में एक-एक प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखी गई।
ईंधन, ऊर्जा, बिजली और चिकनाई वाले पदार्थों के समूह में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। बिटूमन की कीमतों मे नौ प्रतिशत फरनेस ऑयल में चार प्रतिशत और हल्के डीजल में चार प्रतिशत का इजाफा हुआ। विमान ईंधन की कीमतों में दो प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि नाथपा की कीमतों में सात प्रतिशत की गिरावट आई।
विनिर्माण उत्पाद समूह में 0.1 प्रतिशत में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इस समूह के खाद्य उत्पाद वर्ग में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। इस वर्ग के चीनी और सूजी में चार-चार प्रतिशत, खांडसारी और भूसी में दो-दो प्रतिशत, मैदा, आटा और तिल के तेल में एक-एक प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि खल में चार प्रतिशत, नारियल तेल तीन प्रतिशत, चावल छिलका तेल और आयातित खाद्य तेल दो-दो प्रतिशत और मक्खन में एक प्रतिशत की गिरावट आई।
कपड़ा वर्ग का सूचकांक 0.3 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि रबड़ और प्लास्टिक उत्पाद का वर्ग का सूचकांक 0.1 प्रतिशत की गिरावट में रहा। रसायन और रसायन उत्पाद का वर्ग मामूली गिरावट में रहा। एनामेल चार प्रतिशत और कास्टिक सोडा तथा थिनर दो-दो प्रतिशत कम हो गए। हालांकि एसिड के दामों में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
आधार धातुएं और धातु उत्पाद वर्ग में 0।1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मशीनरी और मशीन उपकरण के सूचकांक में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। (हिंदुस्तान)

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