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23 सितंबर 2009

त्योहारी सीजन के बावजूद खाद्य तेलों में 10 फीसदी गिरावट

त्योहारी सीजन के बावजूद खाद्य तेलों में पिछले आठ-दस दिनों में करीब 50 से 70 रुपये प्रति दस किलो की गिरावट दर्ज की गई है। चालू तेल वर्ष में नवंबर से अगस्त के दौरान खाद्य तेलों के आयात में 49 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि पिछले दिनों हुई बारिश से सोयाबीन और कपास की फसल को काफी फायदा हुआ है। आयातित खाद्य तेलों की कीमतें भी पिछले एक महीने में लगभग छह-सात फीसदी घटी हैं। अगले आठ-दस दिनों में प्रमुख उत्पादक राज्यों में खरीफ तिलहनों की आवक का दबाव बन जाएगा। ऐसे में खाद्य तेलों की कीमतों में ओर भी गिरावट की संभावना है।दिल्ली वैजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि आयात में भारी बढ़ोतरी होने से खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा बनी हुई है। इसीलिए त्योहारी सीजन के बावजूद खाद्य तेलों में उठान कमजोर है। सरसों तेल के भाव हरियाणा की दादरी मंडी में पिछले दस दिनों में 550 रुपये से घटकर 510 रुपये प्रति दस किलो रह गए। इस दौरान इंदौर में रिफाइंड सोयाबीन तेल के भाव 495 रुपये से घटकर 430 रुपये, बिनौला तेल के भाव पंजाब में 455 रुपये से घटकर 400 रुपये और राजकोट में मूंगफली तेल के भाव 670 रुपये से घटकर 610 रुपये प्रति दस किलो रह गए। क्रूड पाम तेल के भाव कांडला पोर्ट पर 365 रुपये से घटकर 330 रुपये प्रति दस किलो रह गए। कमजोर मांग को देखते हुए खरीफ तिलहनों की आवक का दबाव बनने पर भाव में और भी गिरावट आ सकती है।साल्वेंट एक्सट्रेक्टसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष के पहले दस महीनों में भारत में खाद्य तेलों का रिकार्ड 70।70 लाख टन का आयात हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका आयात 47.61 लाख टन का हुआ था। आयात में बढ़ोतरी और घरेलू मांग कमजोर होने से आरबीडी पाम तेल के भाव पिछले एक महीने में 7.3 फीसदी घटकर 710 डॉलर प्रति टन (भारतीय बंद्रगाह पर पहुंच) रह गए जबकि क्रूड पाम तेल के भावों में इस दौरान छह फीसदी की गिरावट आकर भाव 670 डॉलर प्रति टन रह गए। अगस्त महीने में आरबीडी पाम तेल के भाव 766 डॉलर और क्रूड पाम तेल के भाव 713 डॉलर प्रति टन थे।केएस ऑयल लिमिटेड के अध्यक्ष रमेश चंद गर्ग ने बताया कि दिवाली की मांग से खाद्य तेलों में उठान पहले की तुलना में बढ़ा है। वैसे भी दिवाली पर सरसों तेल में मांग अच्छी रहती है इसलिए सरसों तेल के भावों में सुधार हो सकता है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों हुई बारिश से सोयाबीन और कपास की फसल को काफी फायदा हुआ है। उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है तथा अगले आठ- दस दिनों में आवक का दबाव बनने की संभावना है। (rana@businessbhaskar.net) बिज़नस Bhaskar

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