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22 अगस्त 2009

चने के भाव में भारी उथल-पुथल रहने की संभावना

सरकारी सख्ती से हाजिर बाजार में पिछले आठ-दस दिनों में चने की कीमतों में लगभग आठ फीसदी की गिरावट आ चुकी है। हाजिर में आई गिरावट के असर से वायदा में भी इसके भाव 8.8 फीसदी तक घटे हैं। थोक व्यापारियों और मिलों पर राज्य सरकारों ने स्टॉक लिमिट का दबाव बनाया हुआ है। हालांकि चने के दाम अन्य दलहन के मुकाबले काफी नीचे हैं लेकिन चने का स्टॉक ज्यादा होने से बिकवाली बनी हुई है। मध्य प्रदेश में भी स्टॉक लिमिट लगने का दबाव बना हुआ है। अगर मध्य प्रदेश में स्टॉक लिमिट लगती है तो चने की मौजूदा कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की और गिरावट आ सकती है। लेकिन राजस्थान में चने की स्टॉक लिमिट बढ़ने के बाद अचानक तेजी आ गई। इस लिहाज से देखें तो चने इस समय भारी उथल-पुथल में फंसा है।वायदा बाजार में गिरावटनेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) में सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में पिछले दस दिनों में 8.8 फीसदी की गिरावट आई है। इस वजह से शुक्रवार को भाव 2367 रुपये प्रति क्विंटल रह गये। 11 अगस्त को सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में इसके भाव 2597 रुपये प्रति क्विंटल थे। सितंबर महीने में 84,370 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं। हाजिर बाजार भी मंदामध्य प्रदेश के चना व्यापारी राजा राम अग्रवाल ने बताया कि चने का सबसे ज्यादा स्टॉक राजस्थान और मध्य प्रदेश में है। राजस्थान में राज्य सरकार ने दलहन पर स्टॉक लिमिट लगा दी है। जिससे स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से चने के भाव में पिछले आठ-दस दिनों में करीब 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंदी आ चुकी है। दिल्ली थोक बाजार में चने के भाव घटकर 2300 रुपये, महाराष्ट्र की अकोला मंडी में 2300 से 2350 रुपये और इंदौर मंडी में 2150 रुपये प्रति क्विंटल रह गये हैं। मध्य प्रदेश में राज्य सरकार ने दलहन पर स्टॉक लिमिट लागू कर दी तो बिकवाली का दबाव बनने से चने की मौजूदा कीमतों में और भी 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आने की संभावना है। इस समय मध्य प्रदेश की मंडियों में चने का लगभग दस लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है। पैदावार पर होगा असर केंद्र सरकार द्वारा जारी चौथे अग्रिम अनुमान के मुताबिक वर्ष 2008-09 में देश में चने की पैदावार बढ़कर 70 लाख टन होने का अनुमान है। वर्ष 2007-08 में चने की पैदावार 57 लाख टन की हुई थी। दिल्ली के चना व्यापारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि चने के दाम अन्य दालों के मुकाबले काफी नीचे चल रहे हैं इसलिए राज्य सरकारों को चने को स्टॉक लिमिट के दायरे से बाहर कर देना चाहिए। घरेलू बाजारों में चने के भाव 2200 से 2300 रुपये और चना दाल के दाम 3200 से 3600 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। सितंबर-अक्टूबर महीने में चने की बुवाई का कार्य शुरू हो जायेगा। अगर मौजूदा भावों में और गिरावट आई तो इसका असर चने की बुवाई पर पड़ने की आशंका है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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