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29 अगस्त 2009

सूखे और ऊंची कीमत से सोने की खरीद में भारी कमी

दुनिया में सोने के सबसे बड़े खरीदार भारत का सोना आयात चालू वर्ष में 37 फीसदी घट सकता है। सात साल में पहली बार इतना बड़ा सूखा देश में पड़ा है और इससे ग्रामीण भारत की आय गिरेगी और यह सोने की खपत घटने का प्रमुख कारण होगा। इसके अलावा सोने की ऊंची कीमतों के कारण भी सोने की खरीद घटने की संभावना है। बांबे बुलियन एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट हरमेश अरोड़ा ने बताया कि 2008 में देशभर में 396 टन सोने की खरीद हुई थी, लेकिन सूखे की स्थिति और सोने की कीमतों में तेजी को देखते हुए इस वर्ष सोने की खरीद घटकर 250 टन ही रह सकती है। अगस्त में सोने का आयात गिरकर 14 टन रह सकता है, जबकि गत वर्ष इस दौरान 98 टन सोना आयात किया गया था। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक आर्थिक संकट के कारण सोने की वैश्विक मांग भी दूसरी तिमाही में गत वर्ष के मुकाबले 6 फीसदी घटकर 719.5 टन रह गई है। देश के 626 जिलों में से 40 फीसदी सूखे से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इससे गांवों में रहने वाले 74.20 करोड़ लोगों की आय प्रभावित हुई है। अरोड़ा ने कहा कि सूखे की आहट और कृषि आय में गिरावट के कारण लोग गहनों पर खर्च को लेकर सावधान हो गए हैं। खुदरा खरीदार बहुत जरूरी होने पर ही सोने की खरीद कर रहे हैं। दूसरी तिमाही में भारत में सोने की मांग 38त्न घटकर 109 टन रह गई है, चीन में इस दौरान यह 11त्न बढ़कर 89.6 टन हो गई। चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का खरीदार है। 31 जुलाई तक 7 महीनों में देश में सोने की खरीद में 56 फीसदी की भारी गिरावट आई है। इस दौरान केवल 71.6 टन सोने की खरीद हुई है। (बिज़नस भास्कर)

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