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24 अगस्त 2009

डंपिंग से बेहाल तांबा और जस्ता उद्योग

मुंबई August 23, 2009
जापानी और कोरियाई उत्पादकों ने भारतीय बाजार में बडे पैमाने पर सस्ती दरों पर सल्फ्यूरिक एसिड की डंपिंग की है।
इसका परिणाम यह हुआ है कि अतिरिक्त आपूर्ति के कारण भारत के तांबे और जस्ते के उत्पादक अपने उप-उत्पाद सल्फ्यूरिक एसिड को लागत से कम मूल्य पर बेचने को विवश हो रहे हैं। इस रसायन का उपयोग उर्वरक और डिजर्टेंट उद्योगों में होता है।
स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान जिंक और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के उद्योग लॉबी ने इस रसायन पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाए जाने की मांग की है, लेकिन सरकार ने इस अनुरोध को स्वीकृति नहीं दी है। इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि सरकार ने उर्वरक उद्योग में इसकी जरूरत को देखते हुए इस पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाने को स्वीकृति नहीं दी।
उसने कहा कि इस रसायन की कीमत बढ़ने से उर्वरक की उत्पादन लागत में बढ़ोतरी होती। इस रसायन को वर्तमान में 3 डॉलर प्रति टन के हिसाब से बेचा जा रहा है। सामान्यतया सल्फ्यूरिक एसिड के दाम सल्फर की कीमत का एक तिहाई होता है, जिसका बाजार मूल्य इस समय 60-70 डॉलर प्रति टन है। इस हिसाब से इस रसायन की कीमत 20-25 डॉलर प्रति टन होनी चाहिए।
मंदी के चलते कुछ देशों में रसायनों की मांग में कमी आई है। कोरिया और जापान में इस रसायन को रखने की क्षमता मात्र एक सप्ताह की है। भारतीय उत्पादक इसे एक महीने तक रखने की क्षमता रखते हैं।
उद्योग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 'उन देशों के उत्पादक इसे ज्यादा दिनों तक नहीं रख सकते, जिसके चलते वे भारतीय बाजार में सल्फ्यूरिक एसिड की डंपिंग कर रहे हैं। भारतीय उत्पादकों को इसे देखते हुए अपना माल सस्ती दरों पर बेचना पड़ रहा है, क्योंकि वे भी अपना माल बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं रोक सकते।'
हिंदुस्तान जिंक, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज और हिंडाल्को मिलकर एक महीने में 3 लाख टन से ज्यादा रसायन का उत्पादन करते हैं। इसका करीब 50 प्रतिशत वे बाजार में बेचते हैं। अनुमान के मुताबिक 30,000 से 40,000 टन रसायन की डंपिंग हर माह भारत में हो रही है। ऐसा पिछले 6 महीने से हो रहा है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चीन भी सल्फ्यू्रिक एसिड पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है, जो इस समय डंपिंग का शिकार है। अगर चीन इस पर शुल्क लगा देता है तो भारत की स्थिति और बदतर हो जाएगी।
सल्फ्यूरिक एसिड का हमला
स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान जिंक और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां परेशानरखने की क्षमता कम होने की वजह से जापान और कोरिया कर रहे हैं डंपिंगडंपिंग से परेशान चीन भी लगा सकता है शुल्कभारत ने किया एंटी डंपिंग शुल्क से इनकार (BS Hindi)

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