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25 अगस्त 2009

दूसरी तिमाही में भी देश रहा सोने का निर्यातक

नई दिल्ली- लगातार ऊंची सोने की कीमतों की बदौलत भारत इस साल की दूसरी तिमाही में भी सोने का शुद्ध निर्यातक बना रहा है। साल की पहली तिमाही में भी देश से 20 टन सोने का निर्यात हुआ था। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की दूसरी तिमाही के लिए जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान देश से पहली तिमाही से भी ज्यादा सोने का निर्यात हुआ है। साल 2009 की दूसरी तिमाही में सोने के निर्यात के बारे में डब्ल्यूजीसी ने कहा है, 'हमने इस बार हालांकि सोने के कुल निर्यात का आकलन नहीं किया है, लेकिन यह साफ है कि इस तिमाही में भी देश सोने का शुद्ध निर्यातक ही रहा है।' देश में सोने की मांग इस दौरान इससे पिछली तिमाही के मुकाबले काफी सुधरी है। र्वल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की इस साल अप्रैल से जून तिमाही की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान देश में ज्वैलरी के लिए 88 टन सोने की मांग रही है। हालांकि ज्वैलरी की मांग पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले 31 फीसदी कम है, लेकिन इस साल की पहली तिमाही के मुकाबले इसमें दोगुने से भी ज्यादा का इजाफा हुआ है।
दूसरी तिमाही में अक्षय तृतीया त्योहार की वजह से सोने की मांग में ठीक-ठाक इजाफा देखा गया है। देश में सोने के खुदरा निवेश में भी इस दौरान इजाफा हुआ है। दूसरी तिमाही में देश में सोने का निवेश 21 टन रहा है, जबकि इससे पिछली तिमाही में सोने का निवेश नकारात्मक 17 टन रहा था। बोनांजा ब्रोकरेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट विभुरतन धारा के मुताबिक, 'सोने के ईटीएफ में लोगों में आकर्षण इस दौरान बढ़ा है लेकिन ज्वैलरी के लिए देश में सोने की मांग के सामान्य स्तर पर पहुंचने में अभी वक्त लगेगा।' साल की दूसरी तिमाही में देश में कुल 48 टन सोने का आयात हुआ है। अप्रैल माह में अक्षय तृतीया त्योहार की वजह से बढ़ी मांग के चलते देश में 20 टन सोने का आयात हुआ जबकि मई में आयात गिरकर करीब 18 टन हो गया। जून में भी आयात में गिरावट आई और इस दौरान केवल 10 टन सोने का आयात हुआ। गोल्ड कंसल्टेंसी सेवाएं देने वाली अंतरराष्ट्रीय फर्म जीएफएमएस के मुताबिक इस साल की पहली तिमाही में पश्चिमी देशों में सोने में निवेश बढ़कर 700 टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था जो कि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले चार गुने से भी ज्यादा था। जीएफएमस के मुताबिक, 'इससे सोने के जेवर बनाने के काम में मंदी आई जबकि स्कैप गोल्ड में जबरदस्त इजाफा हुआ। इसी वजह से भारत, तुर्की और इटली जैसे सोने के जेवर बनाने वाले प्रमुख देशों से स्क्रैप गोल्ड का निर्यात दुनिया भर के बाजारों में तेज रफ्तार से बढ़ा।' (ET Hindi)

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