कुल पेज दृश्य

27 अगस्त 2009

निर्यात और घरेलू मांग घटने से हल्दी में 8 प्रतिशत की गिरावट

ऊंचे भाव पर निर्यातकों के साथ घरेलू मांग कमजोर होने से हल्दी में करीब आठ फीसदी की गिरावट आ चुकी है। निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव घटकर 8,000 रुपये और इरोड़ में 8,400 रुपये प्रति क्विंटल (बिल्टी कट) रह गए। हाल ही में हल्दी के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश हुई है जिससे गिरावट को बल मिला है। हल्दी की बुवाई में करीब 20 से 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। ऐसे में अगर आगामी दिनों में मौसम अनुकूल रहा तो पैदावार पिछले साल की तुलना में लगभग 25 फीसदी बढ़ने की संभावना है। हल्दी व्यापारी पूनम चंद गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि भाव ऊंचे होने के कारण निर्यातकों के साथ-साथ घरेलू मांग पहले की तुलना में घटी है। रमजान से पहले खाड़ी देशों के आयातकों की अच्छी मांग बनी हुई थी लेकिन रमजान शुरू होने के बाद इनकी मांग में भी कमी आई है। जिससे निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 8700 रुपये से घटकर 8000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इरोड मंडी में इस दौरान भाव 9200 रुपये से घटकर 8400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उत्पादक मंडियों में इस समय हल्दी का मात्र 10 से 10।5 लाख बोरी (एक बोरी 70 किलो) का ही स्टॉक बचा है जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले कम है। नई फसल की आवक फरवरी महीने में बनेगी। नई फसल आने में करीब पांच से साढ़े पांच माह का समय शेष है। अत: औसतन हर महीने घरेलू खपत और निर्यात मांग को मिलाकर दो लाख बोरी की जरूरत होती है। ऐसे में नई फसल की आवक के समय हल्दी का बकाया स्टॉक बहुत कम बचेगा। मैसर्स ज्योति ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर सुभाष गुप्ता ने बताया कि हल्दी के बुवाई क्षेत्रफल में पिछले साल के मुकाबले करीब 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। तथा हाल ही में प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में हुई बारिश से आने वाली फसल को काफी फायदा हुआ है। अगर जनवरी-फरवरी तक मौसम अनुकूल रहा तो हल्दी का उत्पादन बढ़कर 50 से 55 लाख बोरी होने की संभावना है। पिछले साल किसानों ने हल्दी के बजाय कॉटन की बुवाई ज्यादा की गई थी। जिससे उत्पादन मात्र 43 लाख बोरी का ही हुआ था। नई फसल की पैदावार में तो बढ़ोतरी की संभावना है लेकिन हाजिर स्टॉक कम होने के कारण मौजूदा भावों में भारी गिरावट की संभावना भी नहीं है।भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हल्दी के निर्यात में दो फीसदी की कमी आई है। इस दौरान देश से हल्दी का 15,500 टन का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 15,825 टन का निर्यात हुआ था। (बिज़नस भास्कर)

कोई टिप्पणी नहीं: