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27 जुलाई 2009

निर्यातकों की मांग निकलने से हल्दी दस फीसदी महंगी

निर्यातकों के साथ घरेलू मांग अच्छी होने से हल्दी में तेजी का रुख बना हुआ है। पिछले दस दिनों में घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में करीब दस फीसदी की तेजी आ चुकी है। शनिवार को निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव बढ़कर 6,250 रुपये और इरोड़ में 6,700 रुपये प्रति क्विंटल (बिल्टी कट) हो गए। हालांकि हल्दी के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है लेकिन हाजिर बाजार में कमजोर स्टॉक और त्यौहारी मांग से मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की संभावना है।हल्दी व्यापारी पूनम चंद गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि खाड़ी देशों के आयातकों की मांग में इजाफा हुआ है तथा कमजोर स्टॉक होने से बिकवाली कम आ रही है। इसलिए पिछले दस दिनों में इसकी कीमतों में लगभग दस फीसदी की तेजी आ चुकी है। उत्पादक मंडियों में इस समय हल्दी का मात्र 13-14 लाख बोरी (एक बोरी 70 किलो) का ही स्टॉक बचा है जो कि पिछले साल की समान अवधि के 20 लाख बोरी से कम है। इरोड़ में 7 लाख बोरी, निजामाबाद में 1.20 लाख, डुग्गीराला में 1.75 लाख, सांगली में 1.50 लाख और वारंगल, नांदेड़ और अन्य मंडियों में करीब 2.25 लाख बोरी का स्टॉक बचा हुआ है। नई फसल की आवक फरवरी महीने में बनेगी। अत: औसतन हर महीने घरेलू खपत और निर्यात मांग को मिलाकर दो लाख बोरी की खपत होती है। ऐसे में नई फसल की आवक के समय हल्दी का स्टॉक बहुत कम बचेगा। इसीलिए स्टॉकिस्टों ने पहले की तुलना में बिकवाली कम कर दी है जिससे हल्दी की तेजी को बल मिल रहा है।इरोड़ स्थित मैसर्स ज्योति ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर सुभाष गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में हल्दी की कीमतों में तेजी बनी रही। इसलिए किसानों ने हल्दी की बुवाई ज्यादा क्षेत्रफल में की है। हल्दी की बुवाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है तथा चालू बुवाई सीजन में करीब 15 से 20 फीसदी अधिक बुवाई होने की संभावना है। नई फसल तक मौसम फसल के अनुकूल रहा तो नए सीजन में देश में हल्दी का उत्पादन बढ़कर 50 लाख बोरी से ज्यादा का अनुमान है। जबकि चालू सीजन में इसका उत्पादन घटकर 42 लाख बोरी का ही हुआ था। इस समय हल्दी में त्यौहारी मांग भी अच्छी बनी हुई है। दिवाली तक त्यौहारी मांग बराबर रहने से मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में हल्दी के निर्यात में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान 10,500 टन का निर्यात हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 9,010 टन का ही निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2008-09 में देश से हल्दी का 52,500 टन का निर्यात हुआ था। (Business Bhaskar......R S Rana)

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