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30 जून 2009

अगले साल भी चीनी उत्पादन बहुत कम रहने की संभावना

महंगी चीनी अगले साल भी बड़ा मुद्दा बना रह सकता है। सरकार के तमाम दावों के बावजूद 2009-10 के दौरान भी चीनी उत्पादन खपत के मुकाबले काफी कम रहने की आशंका है। मौसम अनुकूल न रहने से बुवाई उत्साहजनक नहीं है। इससे चीनी उत्पादन 175 लाख टन से ऊपर निकल पाना मुश्किल होगा। हालांकि यह उत्पादन बीत रहे मार्केटिंग वर्ष से भले ही थोड़ा ज्यादा हो लेकिन 2007-08 के 265 लाख टन के उत्पादन के मुकाबले काफी कम होगा। यद्यपि सरकार ने आगामी सीजन के दौरान करीब 200 लाख टन चीनी उत्पादन की उम्मीद जताई है। लेकिन गन्ने के बीज की अनुपलब्धता और कम बारिश से सरकार के उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। जानकारों के मुताबिक उत्पादन में कमी से अगले साल भी देश में करीब 40 से 60 लाख टन चीनी का आयात करना पड़ सकता है। उद्योग जगत के मुताबिक सरकार के दावों के मुकाबले अगले सीजन में चीनी उत्पादन करीब 160-170 लाख टन रह सकता है। चालू सीजन के दौरान देश में करीब 147 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है जबकि सालाना घरलू खपत करीब 210 लाख टन का है। श्री रणुका शुगर लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नरेंद्र नरकुंबी के मुताबिक पिछले साल महज गन्ने का रकबा घटने से चीनी उत्पादन में कमी नहीं आई है। बल्कि इस गिरावट के पीछे खराब मौसम भी जिम्मेदार है। अब तक उत्तर भारत के गन्ना उत्पादक इलाकों में अज्छी बारिश नहीं हुई है। सिर्फ महाराष्ट्र के ही कुछ इलाकों में पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है। देश का करीब 60 फीसदी चीनी का उत्पादन उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में होता है। इन दोनों ही राज्यों के चीनी उत्पादन में महज 10-15 फीसदी का इजाफा देखा जा सकता है। कार्वी कॉम्ट्रेड के रिसर्च एनॉलिस्ट वीरश हीरामथ ने भी अगले साल चीनी उत्पादन करीब 160-170 लाख टन रहने की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि खराब मौसम का असर गन्ने की फसल पर भी देखा जा सकजा है। लिहाजा उत्पादन में ज्यादा बढ़त की उम्मीद नहीं है। महाराष्ट्र कोऑपरटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवार के मुताबिक देश में चीनी उत्पादन 200 लाख टन जाने के आसार नहीं हैं। मुश्किल से करीब 175-185 लाख टन उत्पादन का स्तर रह सकता है। मार्गेन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आगामी सीजन के दौरान भारत में चीनी उत्पादन का स्तर करीब 190 लाख टन रह सकता है।रिपोर्ट के मुताबिक इस साल करीब 30 लाख टन चीनी आयात होने की संभावना है। एसएमसी कमोडिटी की रिसर्च एनॉलिस्ट वंदना भारती के मुताबिक ऐसे में अगले सीजन के लिए बकाया स्टॉक में काफी कमी देखी जा सकती है। सरकारी अनुमान के मुताबिक एक अक्टूबर चीनी का बकाया स्टॉक करीब 50 लाख टन रह सकता है। मौसम विभाग द्वारा इस साल सामान्य से कम बारिश का अनुमान लगाने से भी चीनी के उत्पादन में कमी आने की संभावना जताई जा रही है। जानकारों के मुताबिक मौजूदा समय में ऊपरी गंगा नहर में पिछले साल के मुकाबले महज एक तिहाई जल स्तर है। वहीं छोटी नहरों में बिल्कुल पानी नहीं है। (Business Bhaskar)

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