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25 जून 2009

सामान्य से कम होगी इस बार बारिश

नई दिल्ली. मानसून में देरी के चलते सूखे की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को पहली बार माना कि इस साल बारिश सामान्य से कम हो सकती है। सूखे के ऐलान से फिलहाल परहेज करते हुए सरकार ने इतना ही कहा है कि जून से सितंबर के मानसून सीजन में देशभर में 93 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। इस बीच मानसून मुंबई पहुंच गया है। उधर अरब सागर में हवा के दबाव से उठे समुद्री चक्रवात के प्रभाव से गुजरात भारी बारिश हो रही है। जूनागढ़ जिले में सर्वाधिक 11 इंच बारिश दर्ज की गई। दूसरी ओर, केंद्र ने मानसून के नाकाम रहने की स्थिति से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। मानसूनी वर्षा से वंचित राज्यों के कृषि सचिवों की गुरुवार को बैठक इस संबंध में काफी अहम मानी जा रही है।
केंद्रीय विज्ञान व तकनीकी राज्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि मौसम का पूर्वानुमान छह प्रमुख कारकों के आधार पर लगाया जाता है और इसमें गलती की गुंजाइश चार फीसदी (कम या ज्यादा) रहती है। इन कारकों के आधार पर चव्हाण ने कहा कि देश के उत्तर-पश्चिमी इलाके में 81 फीसदी, उत्तर-पूर्वी हिस्से में 92 फीसदी और मध्य भारत में 99 प्रतिशत बारिश की संभावना है। चव्हाण ने दक्षिण प्रायद्वीपीय इलाके में 93 फीसदी बारिश की संभावना जताई है। इससे पहले, भारतीय मौसम विभाग ने देश में 101 फीसदी बारिश की संभावना जताई थी।
अल-नीनो जिम्मेदार नहीं : मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. अजीत त्यागी ने बताया कि इस वर्ष अल-नीनो प्रभाव है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बारिश कम होगी। उन्होंने बताया कि पिछले 100 साल में 16 बार अल-नीनो प्रभाव बना है, लेकिन इनमें से 11 बार मानसून सामान्य रहा है। डॉ. त्यागी ने बताया कि अल-नीनो के अलावा हिंद महासागर में समुद्र का सतही तापमान मानसूनी वर्षा को प्रभावित कर सकते हैं। सितंबर तक चलने वाले मानसूनी सीजन में जुलाई माह के दौरान 32.9 फीसदी बारिश दर्ज की जाती है। ऐसे में जुलाई माह की वर्षा पर ही मानसून का भविष्य तय होगा।
क्या है ‘अल नीनो’ प्रभाव : दक्षिण अमेरिका में पेरू के तट पर समुद्र के तापमान में बढ़ोतरी से ‘अल नीनो’ प्रभाव पैदा होता है। सामान्यत: ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया के मौसम पर इसका प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है।
बैठकों का दौर कल से : सूखे की स्थिति में सरकार की तैयारियों की रूपरेखा राज्यों के कृषि सचिवों की गुरुवार को यहां होने वाली बैठक से तय की जाएगी। इसमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र समेत वर्षा से वंचित राज्य भाग लेंगे। केंद्रीय कृषि सचिव टी नंदकुमार ने बताया कि उनकी 26 जून को कैबिनेट सचिव के साथ बैठक होगी, जिसमें वे उन्हें राज्यों के कृषि सचिवों के साथ हुई बैठक का ब्योरा उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति की फिर बैठक हो सकती है।
फिलहाल कहां है मानसून?
बुधवार को मानसून दक्षिणी गुजरात, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, भुज, वड़ोदरा, नासिक, सोलापुर, हैदराबाद, पारादीप, बालासोर, बांकुरा, गंगटोक में सक्रिय था। 48 घंटे में गुजरात व महाराष्ट्र के कई व इलाकों में मानसून सक्रिय हो सकता है।
बारिश में कहां-कितनी देर
मानसून के उड़ीसा, छत्तीसगढ़, बिहार में दो सप्ताह और पश्चिमी मप्र, मध्य महाराष्ट्र में 10 दिन देर से दस्तक देने की संभावना है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित पूरे उत्तर-पश्चिमी राज्यों में मानसून और देर से आएगा।
बारिश का गणित
अनुमान: देशभर में बारिश होगी सामान्य से कम यानी 93 प्रतिशत। इसमें गलती की गुंजाइश है मात्र 9 प्रतिशत। अगस्त में बारिश होगी १क्१ प्रतिशत।
भौगोलिक क्षेत्र
उत्तर-पश्चिम में बारिश होगी 81 प्रतिशत, उत्तर-पूर्व में वर्षा 92 प्रतिशत। मध्य भारत में 99 प्रतिशत। दक्षिण हिस्से में 93 प्रतिशत (BS Hindi)

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