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22 जून 2009

जिंस बाजार का बढ़ेगा आकार

मुंबई June 21, 2009
देश के 50 लाख करोड़ रुपये के जिंस वायदा बाजार में अभी तमाम बदलाव आने जा रहे हैं।
बाजार में दो नए एक्सचेंज आ रहे हैं, जो 2009 की दूसरी तिमाही में काम शुरू कर देंगे। इसमें एक इंटरनैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (आईएमसीएक्स) है, जो उम्मीद है कि अगस्त में लॉन्च हो जाएगा और दूसरे एक्सचेंज को कोटक बैंक, अहमदाबाद कमोडिटी एक्सचेंज के साथ मिलकर अंतिम रूप देने में जुटा है।
आईएमसीएक्स, जिंस कारोबार का चौथा एक्सचेंज होगा, जिसे इंडिया बुल्स और एमएमटीसी ने रूप दिया है। यह अब जिंस बाजार नियामक, वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) से अंतिम स्वीकृति पाने की प्रतीक्षा में है, जिससे सदस्यता शुरू की जा सके।
बाजार में पहले से ही 3 एक्सचेंज सक्रिय हैं और चौथा आने की तैयारी में है। उम्मीद की जा रही है कि जब यह कार्यरूप ले लेगा, तो कुछ नई सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। नए कमोडिटी एक्सचेंज में पहले ही सक्रिय कारोबारियों के साथ मौखिक कारोबार की व्यवस्था है।
एक्सचेंज के एमडी और सीईओ अजित मित्तल ने कहा कि सदस्य पहले ही पूरे जोश में हैं, लेकिन हमने फैसला किया है कि जब अंतिम रूप से स्वीकृति मिलने के बाद ही नामांकन शुरू किया जाए। उम्मीद की जा रही है कि दो सप्ताह के भीतर एफएमसी इसे अंतिम स्वीकृति दे देगा।
मित्तल ने कहा कि मेटल सेग्मेंट में सक्रियता से वायदा कारोबार होता है, लेकिन इसकी डिलिवरी नहीं हो पाती और आईएमसीएक्स तांबे की डिलिवरी शुरू से ही देना शुरू कर देगा। उन्होंने कहा कि पहले के तीन एक्सचेंजों को पहले काम शुरू करने का निश्चित रूप से फायदा मिला है, हम तमाम नई शुरुआत करके लाभ उठाएंगे, जिसमें जीरो डिफॉल्ट शामिल है।
तांबे का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा तांबे के सौदे में 8 प्रतिशत उत्पाद शुल्क बड़ी समस्या है। लेकिन फिर भी उपभोक्ता हाजिर बाजार से डिलिवरी ले रहे हैं। एफएमसी ने सरकार से यह अनुसंशा की है कि अगर एक्सचेंज के माध्यम से डिलिवरी अंतिम रूप लेती है तो सेनवेट से जुड़े मसले पर समस्या के समाधान की जरूरत है। आईएमसीएक्स किसी भी मामले में डिलिवरी के विकल्प का आफर देगा।
मूल धातुओं के मामले में एक्सचेंज की योजना छोटे आकार के लॉट के सौदे की है। एक टन या इससे कम आकार के सौदों से छोटे कारोबारी आकर्षित होंगे और कारोबार में भाग ले सकेंगे। आईएमसीएक्स सोने और चांदी को बुलियन बास्केट में कारोबार की योजना बना रहा है, वहीं कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस को ऊर्जा क्षेत्र में रखा गया है।
डिलिवरी आधारित तांबे के सौदे मूल धातुओं की श्रेणी में होंगे और मसाले, तिलहन और नकदी फसलें कृषि जिंस क्षेत्र में शामिल होंगी।
जिंस वायदा बाजार में दो नए एक्सचेंज आने को तैयार हैं- इंटरनैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज, इंडिया बुल्स और एमएमटीसी मिलकर लॉन्च कर रहे हैं और कोटक महिंद्रा, अहमदाबाद कमोडिटी एक्सचेंज से मिलकर देशव्यापी एक्सचेंज को अंतिम रूप दे रहा है।
आईएमसीएक्स देश का चौथा एक्सचेंज होगा, जिसके अगस्त महीने में शुरु होने के आसार हैं।
उम्मीद की जा रही है कि नए एक्सचेंजों के आने से सक्रिय कारोबारियों को तमाम नई सुविधाएं मिलेंगी। (BS Hindi)

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