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20 जून 2009

आर्थिक सुधार की आस में क्रूड फिर 72 डॉलर के पार

लंदन- कच्चे तेल में शुक्रवार को तेजी देखने को मिली। शुक्रवार के कारोबार में कच्चा तेल 72 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर चला गया। कच्चे तेल को दो बातों से समर्थन मिला- पहली यह कि शेयर मार्केट में तेजी से यह धारणा बनी कि अर्थव्यवस्था में स्थिरता आ रही है और दूसरी बात यह रही कि प्रमुख तेल उत्पादक देशों ईरान तथा नाइजीरिया में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है। अमेरिकी क्रूड ऑयल 71. सेंट चढ़कर 72.08 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया और लंदन ब्रेंट क्रूड 68 सेंट्स चढ़कर 71.74 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। कच्चे तेल को समर्थन अफ्रीका के क्रूड के सबसे बड़े उत्पादक नाइजीरिया से आपूर्ति में कमी से मिली। इसके अलावा एक वजह यह भी रही कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के बाद दुनिया के चौथे सबसे बड़े तेल उत्पादक देश ईरान में अस्थिरता बढ़ गई है। पेट्रोमैट्रिक्स के ऑयल एनालिस्ट ओलिवर जैकब का कहना है, 'हमारा मानना है कि कच्चे तेल को ईरान और नाइजीरिया से समर्थन मिलता रहेगा। ईरान से तुरंत आपूर्ति में बाधा आने का कोई संकेत नहीं है, लेकिन नाइजीरिया से आपूर्ति में गिरावट आनी शुरू हो गई है।' नाइजीरिया में प्रमुख तेल कंपनियों रॉयल डच शेल और शेवरॉन को आतंकियों ने निशाना बनाया है और उनके उत्पादन पर असर पड़ा है। प्रमुख आतंकी संगठन मेंड ने शुक्रवार को कहा कि उसने इटली की एजिप कंपनी द्वारा संचालित पाइपलाइन को निशाना बनाया है। जैकब का कहना है कि कमजोर डॉलर से तेल को समर्थन मिल सकता है। गुरुवार को वॉल स्ट्रीट में तेजी और अमेरिका में बेरोजगारी के आंकड़े सुधरने के बाद यूरोपीय बाजारों में तेजी देखने को मिली। फरवरी के बाद से अब तक कच्चे तेल की कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं। (ET Hindi)

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