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22 मई 2009

निर्यात मांग निकलने की आशा में जौ फिर तेज होने का अनुमान

जौ के दाम नीचे आने के बाद अब इसकी कीमतों में फिर तेजी की संभावना बन गई है। दरअसल वैश्विक आर्थिक के चलते जौ की निर्यात मांग नहीं निकल रही है। लेकिन अब नई सरकार बनने के बाद कारोबारियों को निर्यात मांग निकलने की उम्मीद है। ऐसे में जौ की कीमतों 150 रुपये प्रति क्विंटल तक का इजाफा हो सकता है।राजस्थान की भरतपुर मंडी में जौ के भाव 810-825 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश की दादरी मंडी में इसके भाव 820-840 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। वहीं नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में मई जौ वायदा 9फ्क्.भ्क् रुपये और जुलाई जौ वायदा 9म्म् रुपये क्विंटल है। जयपुर के जौ कारोबारी के.जी. झालानी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि नई सरकार बनने के बाद आगे जौ की निर्यात मांग निकलने की उम्मीद है। इस वजह से जौ के दाम आने वाले दिनों 100-150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ने की संभावना है। जौ कारोबारी अनिल गुप्ता का कहना है कि इसके दाम नीचे आने के बाद आगे अच्छी मांग की उम्मीद में खरीदारी बढ़ा सकते है। इस साल वैश्विक आर्थिक संकट की वजह जौ की निर्यात नहीं निकली है। इस वजह इसकी कीमतों में पिछले साल के मुकाबले तेजी नहीं आई। पिछले साल इन दिनों निर्यात मांग अच्छी होने के कारण इसके भाव 1100-1150 रुपये क्विंटल चल रहे थे, लेकिन उसके बाद जौ के मूल्यों में निर्यात मांग में कमी के चलते लगातार गिरावट आई है। दरअसल, विदेश के मुकाबले देश का जौ महंगा होने के कारण इसकी निर्यात में कमी आई थी। कृषि मंत्रालय के तृतीय अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू वर्ष में 15.5 लाख टन जौ का उत्पादन होने के अनुमान है। जबकि वित्त वर्ष 2007-08 में 12 लाख टन जौ का उत्पादन हुआ था। हालांकि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में पहले अग्रिम अनुमान में 15 लाख टन जौ उत्पादन का लक्ष्य रखा था। जिसे दूसरे अनुमान में घटाकर 14.50 लाख टन कर दिया था। सरकार ने वित्त वर्ष 2008-09 के लिए जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर 680 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। र्ग्िमयों के दौरान माल्ट उद्योग में जौ की मांग काफी बढ़ जाती है। जौ के कुल उत्पादन का 70 फीसदी हिस्सा माल्ट उद्योग में जाता है। जिसका उपयोग बीयर बनाने में होता है। जबकि शेष 30 फीसदी का उपयोग पशु चारा में किया जाता है। भारत में जौ का उत्पादन राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश आदि राज्यों में होता है। जिसमें राजस्थान की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। (Business Bhaskar)

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