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27 अप्रैल 2009

निर्यात मांग से कैस्टर में तेजी का रुख

नए माल की आवक बढ़ने के बावजूद निर्यात मांग निकलने से जोधपुर तथा डीसा मंडी में पिछले दस दिन के दौरान अरंडी सीड (कैस्टर सीड) और अरंडी तेल की कीमतों में पांच से छह फीसदी का सुधार देखा गया है। एनसीडीईएक्स में भी मई वायदा अरंडी सीड के भाव करीब चार फीसदी बढ़ गए हैं। वहीं पिछले वित्त वर्ष में अरंडी तेल निर्यात में 75 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।राजस्थान की जोधपुर मंडी के अरंडी तेल उत्पादक सुरश संकलेचा ने बताया कि मंडी में इन दिनों अरंडी सीड की जोरदार आवक हो रही है। इसके बावजूद निर्यात मांग निकलने से पिछले दस दिन के दौरान जोधपुर मंडी में अरंडी तेल के भाव छह फीसदी से ज्यादा बढ़कर 5200 रुपए क्विंटल पर पहुंच गए। गुजरात की डीसा मंडी में भी अरंडी सीड के भाव पांच फीसदी से ज्यादा बढ़कर 2430 रुपए क्विंटल के ऊपर निकल गए हैं। निर्यात मांग के कारण एनसीडीईएक्स में भी मई वायदा अरंडी सीड के भाव 13 से 24 अप्रैल तक चार फीसदी से ज्यादा बढ़कर 2472 रुपए क्विंटल हो गए। अक्षय तृतीया के बाद आवक में कमी की आशंका के चलते अरंडी सीड और अरंडी तेल की कीमतों और सुधार की संभावना है। मार्च से अरंडी तेल निर्यात में सुधार हुआ है। इससे पहले जनवरी-फरवरी में निर्यात घटने के कारण मार्च के पहले सप्ताह में जोधपुर मंडी में अरंडी तेल के भाव उतरकर 4600 रुपए क्विंटल पर रह गए थे। लेकिन मार्च में अरंडी तेल को विशेष कृषि एवं ग्रामोद्योग योजना के दायर में लाने से निर्यातकों को पांच फीसदी शुल्क वापसी का लाभ मिलने लगा। इससे निर्यातकों और स्टॉकिस्टों के सक्रिय होने के कारण डेढ महीने में अरंडी सीड और तेल की कीमतों काफी सुधार दर्ज किया गया है। वित्त वर्ष 2008-09 की पहली छमाही में जोरदार निर्यात मांग से अक्टूबर में जोधपुर में अरंडी तेल 6800 रुपए क्विंटल तक बिक गया था लेकिन दूसरी छमाहीं में निर्यात में गिरावट से अरंडी तेल के भाव घटकर 4600 रुपए क्विंटल तक उतर गए थे। दूसरी तरफ साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 की पहली छमाही में अरंडी तेल निर्यात करीब 138 फीसदी बढ़ा था, लेकिन मंदी के चलते दूसरी छमाही में निर्यात में कमी दर्ज की गई थी। इसके बावजूद पिछले 2008-09 के दौरान अरंडी तेल निर्यात 75 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 308625 टन हो गया जो पिछले वित्त वर्ष में 176177 टन था। उल्लेखनीय है कि दुनियाभर में भारत अरंडी तेल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है और वर्ष 2008-09 (अक्टूबर से सितंबर) में अरंडी सीड उत्पादन करीब 21 फीसदी बढ़कर 11 लाख टन होने का अनुमान है लेकिन निर्यात मांग तथा स्टॉक प्रवृति के कारण अरंडी तेल में नरमी की धारणा नहीं है। (Business Bhaskar)

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