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21 अप्रैल 2009

निर्यात मांग बढ़ने से कालीमिर्च में आठ फीसदी की बढ़ोतरी

पैदावार में कमी और निर्यातकों की मांग बढ़ने से पिछले एक सप्ताह में कालीमिर्च के भाव में करीब आठ फीसदी की तेजी दर्ज की गई। चालू फसल सीजन में देश में काली मिर्च की पैदावार में तो करीब पांच हजार टन की कमी आने की आशंका है ही, साथ ही बकाया स्टॉक भी पिछले साल से कम बताया जा है। हालांकि इस समय वियतनाम में कालीमिर्च की नई फसल की आवक चल रही है तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में वियतनाम द्वारा भाव घटाकर बिकवाली भी की जा रही है। लेकिन भारतीय काली मिर्च की क्वालिटी वियतनाम से बेहतर होने के कारण निर्यातकों की भारत से ज्यादा मांग निकल रही है जबकि देश में कालीमिर्च की कुल उपलब्धता में कमी और उत्पादकों की बिकवाली कम आने से मौजूदा भावों में और भी तेजी की संभावना है। बंगलुरू के कालीमिर्च निर्यातक अनीश रावथर ने बताया कि निर्यातकों की मांग बढ़ने से पिछले एक सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च के भाव 2650 डॉलर से बढ़कर 2800 डॉलर प्रति टन (एफओबी) चल रहे हैं। जबकि वियतनाम की कालीमिर्च के भाव 2350 डॉलर, इंडोनेशिया की कालीमिर्च के भाव 2250 डॉलर और ब्राजील की कालीमिर्च के भाव 2050 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं।वियतनाम में नई फसल की आवक चल रही है तथा वियतनाम में कालीमिर्च की पैदावार 90 हजार टन होने की संभावना है। भारतीय कालीमिर्च की क्वालिटी अन्य उत्पादक देशों के मुकाबले बेहतर होने से भारतीय कालीमिर्च में इस समय यूरोप की अच्छी मांग देखी जा रही है। भारत में खासकर केरल में चालू सीजन में पैदावार में कमी आई है। ऐसे में उत्पादकों की बिकवाली कम आने से भी तेजी को बल मिल रहा है। हालांकि वित्त वर्ष 2008-09 में अप्रैल से फरवरी तक देश से कालीमिर्च के कुल निर्यात में लगभग 26.5 फीसदी की कमी आई है।भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 के अप्रैल से फरवरी महीने तक देश से कालीमिर्च का निर्यात घटकर 23,350 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 31,760 टन का हुआ था। सूत्रों के अनुसार पिछले डेढ़ महीने से निर्यातकों की मांग में इजाफा हुआ है। मसाला बोर्ड ने वित्त वर्ष में निर्यात का लक्ष्य 35,000 टन का निर्धारित किया है।कोच्चि मंडी स्थित मैसर्स केदारनाथ संस के अजय अग्रवाल ने बताया कि केरल के उत्पादक क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम से कालीमिर्च की पैदावार घटी है। चालू फसल सीजन में देश में कालीमिर्च की पैदावार 45,000 टन ही होने की संभावना है। जबकि पिछले वर्ष देश में इसकी पैदावार 50,000 टन की हुई थी। पिछले साल नई फसल के समय बकाया स्टॉक भी करीब 15,000 टन का बचा हुआ था लेकिन चालू वर्ष में नई फसल के समय बकाया स्टॉक भी मात्र 5,000 टन का ही बचा हुआ है।ऐसे में कुल उपलब्धता पिछले वर्ष के 65,000 टन के मुकाबले घटकर 50,000 टन ही होने की संभावना है। पैदावार में कमी के कारण ही कालीमिर्च में इस समय घरेलू मांग भी अच्छी बनी हुई है। पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में करीब 1,000 रुपये की तेजी आकर एमजी वन की कीमतें 13,400 रुपये और अनगार्बल्ड के भाव 13,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। (Business Bhaskar....R S Rana)

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