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23 अप्रैल 2009

घटी आभूषणों की चमक, निर्यात भी गया दरक

नई दिल्ली 04 23, 2009
वित्त वर्ष 2008-09 की दूसरी छमाही के दौरान रत्न एवं आभूषण के निर्यात में वित्त वर्ष 2007-08 की समान अवधि के मुकाबले 18.88 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है।
हालांकि 2008-09 के पूरे वित्त वर्ष के दौरान पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इसके निर्यात में 1.45 फीसदी (डॉलर के रूप में) की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। रुपये के हिसाब से यह बढ़ोतरी 13.52 फीसदी की रही।
गत वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सबसे अधिक गिरावट कट एंड पॉलिश्ड हीरे के निर्यात (36 फीसदी) में दर्ज की गयी। वर्ष 2008-09 के दौरान सबसे अधिक निर्यात (31 फीसदी) संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में किया गया।
गत अक्टूबर से गत मार्च के दौरान रत्न एवं आभूषण के निर्यात में आयी गिरावट के कारण इस क्षेत्र से जुड़े करीब 2 लाख लोग बेरोजगार हो गए। विश्वव्यापी मंदी को देखते हुए रत्न एवं आभूषण निर्यात प्रोत्साहन परिषद (जीजेईपीसी) की तरफ से चालू वित्त वर्ष (2009-10) के लिए फिलहाल कोई निर्यात लक्ष्य तय नहीं किया गया है।
बुधवार को जीजेईपीसी की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक गत वित्त वर्ष (2008-09) के दौरान कुल निर्यात 21.12 अरब अमेरिकी डॉलर का र हा। जबकि वर्ष 2007-08 के दौरान कुल 20.92 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया था। अप्रैल, 2008 से मार्च, 2009 के दौरान सबसे अधिक निर्यात सोने के आभूषण का रहा।
इस दौरान सोने के आभूषण निर्यात में 23.64 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी और इसका कुल निर्यात 685.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रहा। जबकि वर्ष 2007-08 के दौरान कुल 554.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया था।
कट एंड पॉलिश्ड हीरे (सीपीडी) के निर्यात में डॉलर के हिसाब से गत वित्त वर्ष के दौरान 2007-08 के मुकाबले 8.24 फीसदी की गिरावट देखी गयी। हालांकि रुपये के मूल्य के हिसाब से इसके निर्यात में 2.68 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। इसका निर्यात पिछले वित्त वर्ष में कुल 13.02 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ जबकि वर्ष 2007-08 के दौरान सीपीडी का कुल निर्यात 14.2 अरब अमेरिकी डॉलर का था।
रंगीन रत्नों के निर्यात में भी डॉलर के हिसाब से गत वित्त वर्ष के दौरान 3.68 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी। हालांकि रुपये के मूल्य में इसके निर्यात में 7.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। जीजेईपीसी के अध्यक्ष वसंत मेहता ने बताया कि विश्वव्यापी मंदी खासकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था के चरमराने के कारण गत वर्ष अक्टूबर के बाद रत्न एवं आभूषण के निर्यात में गिरावट शुरू हो गयी। यही कारण है कि अमेरिका बाजार में रत्न एवं आभूषण की मांग 20-35 फीसदी तक कम हो गयी है।
वर्ष 2007-08 के दौरान 25 फीसदी निर्यात अमेरिकी बाजार में किया गया था जो कि 2008-09 के दौरान घटकर 20 फीसदी के स्तर पर आ गया। हांगकांग को होने वाले निर्यात में भी 1 फीसदी की कमी आयी है।
लेकिन यूएई के लिए होने वाले रत्न एवं आभूषण के निर्यात में 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। मेहता ने कहा कि मंदी को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए जीजेईपीसी ने कोई निर्यात लक्ष्य तय नहीं किया है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इसकी दूसरी छमाही के दौरान निर्यात की दर 8-10 फीसदी तक हो जाएगी। (BS Hindi)

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