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25 अप्रैल 2009

अक्षय तृतीया : संभलकर खरीदें सोना

पिछले साल अक्षय तृतीया के मौके पर जिन लोगों ने सोना खरीदा था। आर्थिक सुस्ती के बावजूद साल भर में उन लोगों ने मोटी आमदनी की है। इस साल भी अक्षय तृतीया पर सोने में निवेश की कई लोग योजनाएं बना रहे हैं। पर क्या अब भी सोना पिछले सालों की तरह फायदे का सौदा हो सकेगा? साल भर के दौरान भाव भले बढ़े हों, लेकिन सोने की मांग में कमी देखी गई है। इस साल फरवरी में आल टाइम हाईस्तर को छूने के बाद फिलहाल सोना नीचे आया है। बाजार का हालहाजिर में करीब 15,970 रुपए प्रति दस ग्राम के रिकॉर्ड स्तर को छूने के बाद सोना इस समय करीब 14,800 रुपए के आस-पास है। पिछले साल अक्षय तृतीया के मुकाबले ये भाव करीब तीन हजार रुपए या करीब 23 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल अक्षय तृतीया पर सोना करीब 11,800 रुपए प्रति दस ग्राम के भाव पर था। साल 2007 में अक्षय तृतीया पर सोने का भाव करीब 9,500 रुपए प्रति दस ग्राम था। फिलहाल बाजार में सोने की मांग कम है। लेकिन भाव पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा है। पिछले साल अक्षय तृतीया से पहले मार्च में सोना साल के रिकॉर्ड स्तर पर था। लेकिन इसके बाद गिरावट आ गई थी। इस साल भी फरवरी में सोना रिकॉर्ड स्तर पर कारोबार करने के बाद काफी नीचे आ चुका है। अक्षय तृतीया का बाजारपिछले साल अक्षय तृतीया सात मई को पड़ी थी। मांग को देखते हुए मई में करीब 29 टन सोने का आयात हुआ था। पिछले साल इस मौके पर वल्र्ड गोल्ड काउंसिल ने करीब 20-25 टन सोना बिकने का अनुमान लगाया था। लेकिन कुल बिक्री एक साल पहले की अक्षय तृतीया के मुकाबले करीब 11 फीसदी कम रही थी। इस साल यह 27 अप्रैल को है। लिहाजा इस महीने बाजार में थोड़ी मांग दिख रही है। पिछले दो महीनों के दौरान मांग की कमी से सोने का बिल्कुल आयात नहीं हो सका था। लेकिन अप्रैल में 15 तारीख तक करीब दस टन सोने का आयात हो चुका है। बॉम्बे बुलियन मर्चेट एसोसिएशन के मुताबिक इस महीने अक्षय तृतीया और शादियों की मांग से करीब 30 टन सोने का आयात होने की उम्मीद है। पिछले साल अप्रैल में करीब 24 टन सोने का आयात हुआ था। मांग की गणितअखिल भारतीय सर्राफा संघ के अध्यक्ष शील चंद जैन के मुताबिक निचले स्तरों पर सोने में मांग निकल रही है। खास कर शादी-विवाह का सीजन होने से आभूषण निर्माताओं की भी मांग बढ़ी है। रोजाना करीब 150-200 किलो सोने की मांग निकल रही है। अप्रैल से आयात भी शुरू हो गया है। पिछले साल मांग में कमी की वजह से आयात में करीब 48 फीसदी की गिरावट आई है। साल भर के दौरान 396 टन सोने का आयात हुआ है। इससे पहले यानी साल 2007 में करीब 759 टन सोने का आयात हुआ था। हालांकि आयात और मांग घटने के बावजूद भाव बढ़े हैं। इस वजह से बाजार में संभावनाएं नजर आ रही हैं। पेपर ट्रेडेड फंड से सपोर्टजानकारों का कहना है कि सोने की कीमतें महज हाजिर मांग से नहीं बढ़ी हैं। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों का कारोबार बढ़ने से भी इसमें तेजी आई है। पिछले महीनों में शेयर बाजारों में आई गिरावट से गोल्ड ईटीएफ निवेशकों के लिए त्नसेफ हेवेनत्न साबित हुआ। नतीजतन इसमें निवेश बढ़ा है और सोने के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। इस साल की पहली तिमाही में सोने को रिकॉर्ड स्तर पर जाने के पीछे शेयर बाजारों में गिरावट एक खास वजह रही। इस दौरान अमेरिकी शेयर बाजार में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही, जबकि गोल्ड ईटीएफ में निवेश करीब तीन सौ गुना बढ़ा। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक इस दौरान करीब 469 टन गोल्ड ईटीएफ में निवेश हुआ है। पिछले साल इस अवधि के दौरान 145 टन गोल्ड ईटीएफ में निवेश हुआ था। भारत में भी गोल्ड ईटीएफ का कारोबार शुरू होने के बाद इसके ट्रेड में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। खासकर सोने की बढ़ती कीमतों के बीच इसे खूब पसंद किया गया। विदेशी हलचलजानकारों का कहना है कि विदेशी बाजार से घरलू कारोबार की दिशा तय होती है। लेकिन इस समय घरलू और विदेशी भाव में अंतर दिख रहा है। पिछले साल अक्षय तृतीया के मौके पर लंदन में हाजिर सोने ने करीब 881.43 डॉलर प्रति औंस (एक औंस में 28.34 ग्राम) के स्तर पर करोबार किया था। इस समय भी यह करीब 900 डॉलर प्रति औंस के इर्द-गिर्द है। लेकिन घरलू बाजार में भाव पिछले साल के मुकाबले करीब तीन हजार रुपए ज्यादा हैं। बहरहाल, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड द्वारा सोने की बिकवाली शुरू हुई है। इसके पीछे कई तर्क दिए जा रहे हैं। लेकिन वैव्श्रिक अर्थव्यवस्था में इस साल भी सुस्ती जारी रहने से कीमतों में अनिश्चितता की आशंका ज्यादा है। जानकार भी इस आधार पर कोई भी भविष्यवाणी करने से घबराते हैं। फिर भी उनका मानना है कि सोने में आगे कुछ समय अच्छा रह सकता है। क्या करें निवेशक जानकारों का मानना है कि सोने में आगे कुछ तेजी देखी जा सकती है। लिहाजा निवेश किया जा सकता है। बाजार विश्लेषक नवीन माथुर का मानना है कि सोने ने निवेशकों को हमेशा बेहतर रिटर्न दिया है। लिहाजा इसमें लंबे समय के लिए इसमें निवेश किया जा सकता है। लेकिन मौजूदा स्तर पर सोने में निवेश से कब और कितने समय में मुनाफा कमाया जा सकता है, इसे लेकर लोगों में संशय है। बॉम्बे बुलियन मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरश हुंडिया के मुताबिक मौजूदा समय में अस्थिर बाजार की वजह से सोने में मांग बेहद कम है। अक्षय तृतीया पर भी अपेक्षित मांग रहने की उम्मीद कम ही है। पिछले साल भी भाव में उतार-चढ़ाव की वजह से मुंबई में इस दिन महज चार टन के आस-पास ही स्वर्ण सिक्के बिक पाए थे। हुंडिया का मानना है कि अक्षय तृतीया पर सोने की कीमतों से ही मांग तय हो सकेगी। भाव अगर 14,500 रुपए प्रति दस ग्राम से नीचे रहे तो बेहतर मांग देखी जा सकती है। फरवरी में सोने का भाव जब रिकार्ड स्तर पर था, तब 14,700 रुपए पर सपोर्ट लेवल बताया जा रहा था। अब भाव इस स्तर पर आ चुके हैं (Business Bhaskar)

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