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26 मार्च 2009

रिफाइंड चीनी के ड्यूटी फ्री आयात की जरूरत नहीं: पवार

नई दिल्ली : कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट आने से देश को रिफाइंड चीनी के शुल्क मुक्त आयात की जरूरत शायद न पड़े। पिछले महीने चीनी उत्पादन के कम रहने के अनुमानों के आने के बाद सरकार ने कच्ची चीनी के शुल्क मुक्त आयात को मंजूरी देने का फैसला दिया था। सरकार ने कच्ची चीनी के शुल्क मुक्त आयात को अगले साल सितंबर तक के लिए मंजूरी दी है। साथ ही कच्ची चीनी के आयात के बराबर मात्रा में रिफाइंड चीनी के री-एक्सपोर्ट करने की अवधि को भी बढ़ाकर 36 महीने कर दिया है। पवार ने कहा, 'चीनी की कीमतें गिर रही हैं। ऐसे में कच्ची चीनी का आयात करने वाले भी सोचने पर मजबूर हो गए हैं।' कारोबारी हलकों में कयास जारी हैं कि सरकार रिफाइंड चीनी के आयात पर लगे 60 फीसदी के आयात शुल्क को हटा सकती है। लेकिन पवार ने साफ कर दिया है कि सरकार को शायद ऐसा करने की जरूरत न पड़े। साल 2007-08 सीजन में 265 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। जबरदस्त उत्पादन की वजह से तब इसकी कीमतें निचले स्तर पर रही थीं। साथ ही अगले साल के लिए बचे हुए स्टॉक की मात्रा भी 80 लाख टन थी। साल 2008-09 चीनी सीजन (अक्टूबर से सितंबर तक) में मांग से आपूतिर् पर दबाव बना और इससे चीनी की कीमतें ऊपर चढ़ीं। उत्पादन में कमी और मांग में इजाफे के चलते चीनी की ग्लोबल सप्लाई में 43 लाख टन से लेकर 96 लाख टन तक की कमी रह सकती है। (ET Hindi)

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