कुल पेज दृश्य

27 मार्च 2009

निर्यातकों की मांग बढ़ने और कमजोर तुड़ाई से इलायची महंगी

निर्यातकों की मांग बढ़ने से पिछले एक सप्ताह में इलायची में 20 से 25 रुपये प्रति किलो की तेजी आ चुकी है। उत्पादक क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश न होने से पांचवीं और छठी तुड़ाई कमजोर रही है। अगर आगामी आठ-दस दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई तो सातवां तुड़ाई भी कमजोर रहने की आशंका है। 15 अगस्त से रमजान शुरू हो जाएंगे तथा रमजान के महीने में खाड़ी देशों से इलायची की निर्यात मांग में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसलिए आगामी दिनों में इसके मौजूदा भावों में और भी तेजी की उम्मीद है। मुंबई स्थित इलायची के निर्यातक मूलचंद रुबारल ने बताया कि इस समय निर्यातकों की अच्छी मांग बनी हुई है। भारतीय इलायची के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में ग्यारह से पंद्रह डॉलर प्रति किलो चल रहे हैं। उधर ग्वाटेमाला की इलायची के भाव ग्यारह से तेरह डॉलर प्रति किलो पर बोले जा रहे हैं। लेकिन भारतीय इलायची की क्वाल्टिी ग्वाटेमाला से अच्छी होने के कारण भारत से मांग ज्यादा निकल रही है। 15 अगस्त से रमजान शुरू हो जाएंगे तथा रमजान में इलायची की मांग बढ़ जाती है। इसलिए आगामी दिनों में निर्यातकों की मांग में और भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से फरवरी तक देश से इलायची का निर्यात बढ़कर 600 टन का हो चुका है। पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 430 टन का ही हुआ था। फरवरी महीने में निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान देश से इलायची का निर्यात 125 टन का हुआ है जबकि पिछले साल फरवरी महीने में इसका निर्यात मात्र 30 टन का हुआ था। केरल की कुमली मंडी के इलायची व्यापारी अरुण अग्रवाल ने बताया कि उत्पादक क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा न होने से पांचवीं और छठी तुड़ाई में बोल्ड क्वालिटी (साढ़े सात और आठ एमएम) के मालों की आवक कम हो रही है। अगर आगामी दिनों में अच्छी वर्षा नहीं हुई तो फिर सातवां तुड़ाई भी कमजोर रह सकता है। इसलिए इलायची में तेजी का रुख कायम रह सकता है। उत्पादक मंडी में इलायची के भाव बढ़कर 6.5 एमएम के 540 से 550 रुपये, 7 एमएम के 590 से 610 रुपये, 7.5 एमएम के 620 से 630 रुपये और 8 एमएम के भाव 650 से 675 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। उत्पादक क्षेत्रों में इलायची की साप्ताहिक आवक 200 से 250 टन की हो रही है।इलायची व्यापारी अशोक पारिख ने बताया कि चालू फसल सीजन में देश में इलायची का उत्पादन 12,000 टन होने की संभावना है जोकि पिछले वर्ष से ज्यादा है। उधर प्रतिकूल मौसम से ग्वाटेमाला में इलायची का उत्पादन पिछले वर्ष के 22,000 टन के मुकाबले घटकर 18,000 से 19,000 टन ही होने की आशंका है। (Business Bhaskar....R S Rana)

कोई टिप्पणी नहीं: