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20 फ़रवरी 2009

चालू रबी सीजन में देश में घरेलू दलहनों की पैदावार में बढ़ोतरी की संभावना है। इससे दलहनों का आयात धीमा हो सकता है। आयातक दाल आयात के नए सौदों से परहेज

चालू रबी सीजन में देश में घरेलू दलहनों की पैदावार में बढ़ोतरी की संभावना है। इससे दलहनों का आयात धीमा हो सकता है। आयातक दाल आयात के नए सौदों से परहेज कर रहे हैं। सरकारी एजेंसियों द्वारा अभी तक करीब 10 लाख टन दलहन आयात के सौदे किए जा चुके हैं। इसमें करीब पांच लाख टन दालें भारतीय बदरगांहों पर पहुंच चुकी है। रबी दलहनों में चना और मटर की आवक शुरू हो गई है। इसलिए आगामी दिनों में घरेलू बाजारों में आवक बढ़ने पर दलहनों के मौजूदा भावों में गिरावट के आसार हैं।चालू रबी सीजन में दलहनों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है। जबकि मौसम भी फसलों के अनुकूल रहा है। ऐसे में चना, मटर और मसूर के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चने और मटर की नई फसल की आवक शुरू हो गई है। मार्च में मसूर की नई फसल भी आ जाएगी तथा चने और मटर की आवकों का दबाव बन जाएगा। इसलिए आयातक दालों के नए आयात सौदे करने से परहेज कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र की मंडियों में चने की आवक बढ़कर 60 से 70 हजार बोरी की हो रही है जबकि मंडियों में भाव घटकर 2175 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मार्च महीने में मध्य प्रदेश और राजस्थान में चने की नई फसल की आवक बढ़ने पर मौजूदा भावों में और भी 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ सकती है। बर्मा से आयातित उड़द के भाव 500 डॉलर प्रति टन मुंबई पहुंच बोले जा रहे हैं लेकिन इन भावों में पिछले पंद्रह दिनों से कोई नया सौदा नहीं हुआ है। उधर बर्मा में मार्च के आखिर में नई उड़द की आवक शुरू हो जाएगी। इसलिए उड़द के भावों में गिरावट की संभावना है। आयातित उड़द के भाव महाराष्ट्र में घटकर 2475 रुपये और देसी उड़द के भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।दलहन व्यापारी विजेंद्र गोयल ने बताया कि अरहर की आवक महाराष्ट्र में 50 से 60 हजार बोरी और भाव 3250 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। उधर आयातित अरहर के भाव मुंबई पहुंच 580-590 डॉलर प्रति टन बोले जा रहे हैं लेकिन इन भावों में ग्राहकी नहीं है। बर्मा की पेड़ीसेवा मूंग के भाव भी घटकर मुंबई पहुंच 605 डॉलर प्रति टन रह गए हैं।सूत्रों के अनुसार सरकारी कंपनियां एमएमटीसी, एसटीसी, पीईसी और नाफेड विदेशों से अभी तक 9,79,140 टन दालों के आयात सौदे कर चुकी हैं। अभी तक करीब पांच लाख टन दालें भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच भी चुकी है। इसमें से मात्र 70-80 हजार टन दालों की घरेलू बाजार में बिक्री हुई है। ऐसे में आगामी दिनों में सरकारी एजेंसियों द्वारा आयातित दालों की बिकवाली बढ़ाए जाने की संभावना है।केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी दूसरे आरंभिक अनुमान के मुताबिक चालू रबी सीजन में देश में चने की पैदावार पिछले वर्ष के 57 लाख टन से बढ़कर 65 लाख टन होने की संभावना है। जबकि अन्य दालों की पैदावार भी पिछले वर्ष के 26 लाख टन से बढ़कर 28 लाख टन होने की उम्मीद है। (Business Bhaskar)

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