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28 फ़रवरी 2009

भारतीय पाम तेल आयातक कंपनी पर आर्ब्रिटेशन शुरू

मलेशिया की पाम तेल निर्यातक कंपनी कालमार्ट सिस्टम्स (एम) बीएचडी ने भारतीय डिफाल्टर आयातकों के खिसाफ मलेशिया के पाम ऑयल रिफाइनर्स एसोसिएशन में मध्यस्थता (आर्ब्रिटेशन) की कार्यवाही शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल के अंत में वैश्विक बाजारों में पाम तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भारतीय आयातकों ने पाम तेल के आयात सौदों की डिलीवरी लेने से इंकार कर दिया था। इस क्रम में मलेशियाई निर्यातकों ने कई भारतीय कंपनियां को डिफाल्टर करार दिया है। जिनमें से कई को ब्लैक लिस्टेड भी होना पड़ा। कालमार्ट के प्रबंध निदेशक एन. वी. अवलानी ने बताया कि भारत की कंपनी रॉयल एनर्जी लिमिटेड अनुबंध की शर्तो को पूरा नहीं कर सकी है। लिहाजा उस कं पनी के खिलाफ आर्ब्रिटेशन की प्रक्रिया शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले साल रॉयल एनर्जी को करीब दो हजार टन पाम फैटी एसिड डिस्टीलेट बेचा गया था। यह सौदा करीब 712.50 डॉलर प्रति टन मुंबई पोर्ट डिलीवरी के भाव हुआ था। लेकि न कंपनी ने सौदे का थोड़े से माल की डिलीवरी ली है। भारी मात्रा की डिलीवरी निरस्त कर दी। जिससे निर्यातक को नुकसान उठाना पड़ा। रॉयल एनर्जी मुंबई की कंपनी है, जो बायोडीजल बनाती है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशेष अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में ऑर्ब्रिटेटर चुनने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि कालमार्ट से एक -एक हजार टन के दो आयात सौदे हुए थे। जिसमें से एक सौदे की डिलीवरी कंपनी ले चुकी है। लेकिन उसके बाद वैश्विक बाजारों में पाम तेल की कीमतों में आई तगड़ी गिरावट की वजह से कंपनी को दूसरे सौदे क डिलीवरी निरस्त करनी पड़ी। मौजूदा समय में पीएफएडी 330 डॉलर प्रति टन के एफओबी भाव पर माल बेच रही है। कालमार्ट के अवलानी ने कहा कि डिलीवरी के लिए भाव में बदलाव के साथ कंपनी डिलीवरी तिथि में भी बदलाव कर रही है। लेकिन रॉयल एनर्जी लिमिटेड अब तक लेटर ऑफ क्रेडिट जारी नहीं कर पाई है। उधर अग्रवाल ने इस तरह के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि उनकी कंपनी हर महीने करीब एक से दो हजार टन मात्रा का आयात कर रही है। (Business Bhaskar)

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