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28 फ़रवरी 2009

कीमती धातुओं के आयात के लिए और एजेंसियां होंगी नॉमिनेट

अहमदाबाद: लेखानुदान में निराशा झेल चुके जेम्स और ज्वैलरी सेगमेंट के लिए गुरुवार को पेश अंतरिम फॉरेन ट्रेड पॉलिसी कुछ खुशियां लेकर आई। वाणिज्य और उद्योग मंत्री कमलनाथ द्वारा पेश नई पॉलिसी में और एजेंसियों को कीमती धातुओं के आयात के लिए नॉमिनेट किया जा सकेगा। अभी डायमंड इंडिया लिमिटेड, एमएसटीसी लिमिटेड, जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और स्टार ट्रेडिंग को ही कीमती धातुओं के आयात की इजाजत है। इंडस्ट्री ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे सोने की अनियमित आपूर्ति को दुरुस्त किया जा सकेगा और जेम्स और ज्वैलरी निर्यात में भी मदद मिलेगी। दूसरी छूट जैसे प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस के लिए स्लैब को 10,000 करोड़ रुपए के टर्नओवर से घटाकर 7,500 करोड़ रुपए करने और काम किए गए मांगों के ऊपर आयात प्रतिबंध हटाने से भी इंडस्ट्री राहत की सांस ले रही है। एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स (ईपीसीजी) स्कीम के तहत सरकार ने निर्यात में पांच फीसदी से अधिक गिरावट आने पर निर्यात शर्तों में ढील दी है। इसके अलावा सूरत को भी टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस का दर्जा दिया है। जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के चेयरमैन वसंत मेहता का कहना है, 'सोने के आयात के लिए ज्यादा एजेंसियों को इजाजत देने के कदम को जेम्स और ज्वैलरी कारोबार के लिए अच्छा कदम माना जा सकता है। लंबे समय से हम यह मांग कर रहे थे क्योंकि सोने के वितरण में एकरूपता नहीं है। इस अनियमित आपूर्ति के कारण पूरे निर्यात पर असर पड़ रहा था। इसे अब सुलझाया जा सकेगा।' कंसल्टेंट भी इस बात से सहमत हैं। एटी कर्नी के प्रिंसिपल नीलेश हुंदेकारी का कहना है, 'इस कदम से न सिर्फ निर्यातकों को बल्कि घरेलू इंडस्ट्री को भी लाभ मिलेगा। आपूर्तिकर्ताओं की संख्या बढ़ने से इंडस्ट्री घरेलू बाजार में भी बेहतर कर सकेगी। घरेलू इंडस्ट्री पिछले चार साल से यह 19 फीसदी की सीएजीआर के साथ बढ़ रही है।' उनका कहना है कि आज की तारीख में भारतीय सोने का बाजार 27 अरब डॉलर का है और इसमें सबसे ज्यादा योगदान शादी उद्योग का है। इंडस्ट्री का कहना है कि इस कदम से ज्वैलरी निर्यात भी बढ़ेगा। जीजेईपीसी के पूर्व चेयरमैन संजय कोठारी का कहना है, 'कीमती धातु के आयात के लिए अधिक एजेंसियों को नामित करने से सोने की आपूर्ति बेहतर हो सकेगी और इससे ज्वैलरी निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा निर्यात में पांच फीसदी से अधिक गिरावट होने पर छूट की घोषणा से निर्यातकों को राहत मिलेगी।' (ET Hindi)

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