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22 जनवरी 2009

एशियाई देशों में मक्का के भाव कमजोर लेकिन भारत में तेजी

एशियाई बाजारों में मक्के कादोतरफा कारोबार हो रहा है। डॉलर में मजबूती और वैश्विक बाजारों में कमजोर कारोबार की वजह से एशिया के अनेक बाजारों में जहां मक्के की कीमतों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है। वहीं भारतीय बाजारों में घरलू मांग तेज होने की वजह से आने वाले दिनों में इसके भाव बढ़ सकते हैं। घरलू बाजारों में पिछले 15 दिनों के कारोबार के दौरान मक्का करीब 25 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ चुका है। कोटा के मक्का कारोबारी उत्तम अग्रवाल ने बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश और पंजाब से मक्के में मांग निकलने की वजह से पिछले दिनों के दौरान इसके भाव बढ़ते दिखाई दिए। इस समय कोटा में मक्का करीब 825 रुपये क्विंटल है। मौजूदा मांग को देखते हुए उन्होंने बताया कि इस सप्ताह के अंत तक मक्के के भाव सरकार द्वारा घोषित एमएसपी (840 रुपये प्रति क्विंटल) तक पहुंच सकते हैं। बिहार और पंजाब में बाढ़ की वजह से पिछले साल मक्के की फसल खराब हो गई थी। लिहाजा इन राज्यों में मक्के की किल्लत हो गई है। मौजूदा समय में बिहार के चंपारण इलाके में मक्का करीब 850 रुपये क्विंटल है। इन इलाकों में पोल्ट्री फीड बनाने वाली मिलें राजस्थान से मक्का मंगा रही है। जबकि आमतौर पर बिहार से दूसर राज्य मक्का की खरीद करते थे। इस दौरान एशिया के दूसर बाजारों में मक्के की कीमतों में गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को सीबॉट में मक्का करीब 3.84 डॉलर प्रति बुशल पर पर कारोबार करता देखा गया। जानकारों के मुताबिक वैश्विक बाजारों में छाई मंदी की वजह से मक्के की मांग में कमी आई है। जिसका असर इसके भावों पर देखा जा रहा है। मौजूदा समय में वैश्विक बाजारों में मक्के में तेजी का महज एक ही कारक दिख रहा है। वह है अर्जेटीना के उत्पादक इलाकों में सूखा। लेकिन पिछले कुछ दिनों में ब्राजील के उत्पादक इलाकों में हुई बारिश की वजह से भाव में गिरावट के ज्यादा आसार बन गए हैं। इस दौरान अमेरिका से जापान को निर्यात का भाव 207 डॉलर से गिरकर करीब 195 डॉलर प्रति टन रहने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय मक्के का भाव तेज होने की वजह से इस साल जापान ज्यादातर मक्के का आयात अमेरिका से कर रहा है। मौजूदा समय में भारतीय मक्के का एफओबी भाव 190 डॉलर प्रति टन है जबकि अमेरिकी मक्के का एफओबी भाव करीब 170 डॉलर प्रति टन है। ऐसे में इस साल भारतीय मक्के की निर्यात मांग में भारी गिरावट देखी जा रही है। (Business Bhaskar)

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