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22 जनवरी 2009

हीरे की चमक के आगे फीका पड़ा सोना

नई दिल्ली: सोने के बढ़ते भाव ने पीली धातु की चमक को हल्का कर दिया है, जिसका नतीजा हीरे की चकाचौंध में बढ़ोतरी के तौर पर दिखने लगा है। दिसंबर में सोने के आयात में 81 फीसदी की गिरावट आने से इसके दाम में उछाल आया और डायमंड ज्वैलरी की घरेलू मांग में 30 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। इसके अलावा अमेरिकी और यूरोपीय बाजार में मंदी की वजह से निर्यात होने वाला हीरा भी घरेलू बाजार में आया जिसकी वजह से हीरे की ज्वैलरी पर ग्राहकों को डिस्काउंट मिला। इस कारण भी हीरे की बिक्री को प्रोत्साहन मिला। हीरे की बढ़ती चमक के कारण कंपनियां इसके नए ब्रांड और कलेक्शन बाजार में उतारने की तैयारी कर रही हैं। जहां साल 2008 की शुरूआत में जोधा-अकबर फिल्म पर आधारित मुगलिया स्टाइल की सोने और कुंदन की ज्वैलरी की शादियों में अच्छी खासी मांग रही, वहीं इस साल शादियों में हल्की डायमंड ज्वैलरी की मांग रही। सोने के दाम बढ़ने से चांदी और हीरे की ज्वैलरी की मांग में बढ़ोतरी हुई है। गोल्ड एंड जेम्स फेडरेशन के मुताबिक साल 2007 की तुलना में 2008 में हीरे की ज्वैलरी की बिक्री में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। गोल्ड एंड जेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष दिनेश जैन ने कहा, 'पिछले महीने से अब तक शादी के सीजन में सोने के मुकाबले डायमंड की बिक्री में 15 से 18 फीसदी का इजाफा हुआ है, जो पिछले साल के मुकाबले 20 से 25 फीसदी ज्यादा है।' हीरे के बढ़ते बाजार के कारण गीतांजलि ग्रुप नए डायमंड ज्वैलरी ब्रांड बाजार में उतारने की तैयारी कर रहा है। जिली, नक्षत्र, अज्मी, माया, डी-दमास, संगिनी जैसे ब्रांड के मालिक गीताजंलि ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर मेहुल चोकसी ने कहा, 'सोने के मुकाबले डायमंड ज्वैलरी में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।' मेहुल चोकसी ने बताया कि गीतांजलि ग्रुप नए ज्वैलरी ब्रांड लॉन्च करने जा रहा है। ये डायमंड ज्वैलर ब्रांड लक्जरी ब्रांड होंगे जो 10 से 12 लाख की रेंज से ज्यादा होंगे। राजेश एक्सपोर्ट्स के चेयरमैन राजेश मेहता ने कहा कि सोने की बिक्री में खास सुधार नहीं हुआ है, लेकिन हीरे के निर्यात में कमी आने से लोकल बाजार में ही हीरा लौटकर आया, इसलिए बाजार में पुराना स्टॉक रहने से डायमंड पर ग्राहकों को डिस्काउंट मिला। तनिष्क के रीजनल हेड विद्यासागर ने भी माना की सोने के दाम बढ़ने के कारण सोने के मुकाबले डायमंड ज्वैलरी की मांग ज्यादा बढ़ी है। कालकाजी की गुड़िया ने बताया कि उनकी शादी फरवरी में है। उन्होंने सोने की जगह हीरे की ज्वैलरी खरीदी। उन्होंने कहा, 'सोने का भाव 13,500 के आसपास है और इतने में ही डायमंड ज्वैलरी भी खरीदी जा सकती है। समाज में सोने की जगह हीरे की ज्वैलरी को ज्यादा वेटेज मिलता है इसलिए हीरे की ज्वैलरी खरीद ली।' वहीं दिल्ली एनसीआर के लोकल बुलियन बाजार में भी सोने के मुकाबले हीरे की ज्वैलरी की मांग ज्यादा रही। दरीबा के रतनचंद ज्वालानाथ के ज्वैलर तरुण गुप्ता ने कहा कि शादी के सीजन ने सोने की बिक्री में सुधार किया है लेकिन सोने के मुकाबले हीरे की ज्वैलरी की बिक्री 20 से 30 फीसदी ज्यादा रही है। डायमंड में ग्राहकों को बड़े डायमंड की ज्वैलरी के अलावा फूलों के डिजाइन की बनी ज्वैलरी पसंद आ रही है। शाहदरा के ज्वैलर रिंकू ने बताया कि डायमंड के ग्राहक लॉकेट, अंगूठी, चूड़ियों के ब्रांडेड ज्वैलरी ज्यादा खरीद रहे हैं। डायमंड की ज्वैलरी में ट्रेंड को लेकर गोल्ड एंड जेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष दिनेश जैन ने कहा कि पिछले साल शादियों के सीजन में जोधा-अकबर फिल्म में दिखाई गई मुगलिया काल की ज्वैलरी का चलन था वहीं इस साल हल्के और छोटे डायमंड ज्वैलरी का क्रेज हैं। वहीं तनिष्क ने भी फूलों की ज्वैलरी पर आधारित नया डायमंड ज्वैलरी कलेक्शन 'आरिया' लॉन्च किया, जिसमें एक साथ सात डायमंड होते हैं। तनिष्क के रीजनल हेड विद्यासागर ने कहा, 'डायमंड ज्वैलरी के नए कलेक्शन आरिया को शादी के लिए ग्राहक पसंद कर रहे हैं क्योंकि कम वजन की हल्की ज्वैलरी इस समय ट्रेंड में है।' उन्होंने बताया कि डायमंड की बढ़ती बिक्री के कारण तनिष्क ग्राहकों को हीरे की ज्वैलरी पर 2.5 से 25 फीसदी तक डिस्काउंट दे रहा है। नेशनल कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया की अर्थशास्त्री मानसी एस गोखले ने एक रिपोर्ट में कहा कि साल 2008 में 402 टन कम सोना आयात किया गया यानी बीते साल सोने के आयात में करीबन 45 फीसदी की गिरावट आई है। लेकिन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के डायरेक्टर धर्मेश सोडा इन आंकड़ों से इत्तफाक नहीं रखते, 'अभी तक सोने के आयात को लेकर आधिकारिक आंकड़े नहीं आए हैं। सोने के आयात में कमी हो सकती है लेकिन वे 15 फीसदी से ज्यादा नहीं होंगी।' (ET Hindi)

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