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31 जनवरी 2009

सोना 14,280 रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर

अहमदाबाद : आंच में पड़ने पर सोने का और निखरना महज कहावतों की बात नहीं है। इस बार आंच वित्तीय संकट की है जिसमें निवेश की नजर से देखी जाने वाली तमाम संपत्तियां झुलस गईं लेकिन सोना एकमात्र कमोडिटी रहा जिसकी चमक बढ़ती रही। अंतरराष्ट्रीय हाजिर बाजार में सोना 926 डॉलर प्रति औंस पर है जो तीन महीनों का इसका उच्चतम स्तर है। मुंबई बाजार में शुक्रवार को इसने प्रति 10 ग्राम 14,280 रुपए का रिकॉर्ड स्तर छुआ। विश्लेषक भी लगातार 8 वर्षों से सोने की कीमतों में बढ़ोतरी से हैरान हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में 180-200 कमोडिटी का डेरिवेटिव श्रेणी में कारोबार होता है लेकिन केवल सोने में ही तेजी का रुख दिखा है। पिछले 8 वर्षों में कच्चे तेल सहित सभी अन्य कमोडिटी ने अपने उच्चतम स्तर छुए और अब निमन्तम स्तर के आसपास हैं। विशेषज्ञों के अनुसार सोने की इस चमक के पीछे दो अहम कारण हैं। एक तो यह कि महंगाई से बचाव के रूप में सोने का इस्तेमाल किया जाता है और दूसरा यह कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यह एकमात्र विकल्प है। मंदी के कारण कच्चे तेल का मिजाज ठंडा हो चुका है और इससे महंगाई का जोखिम भी घट गया है। हालांकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका है जिसके कारण डॉलर से होने वाला जोखिम कम करने के लिए सोने की मांग बढ़ी है। पैराडाइम कमोडिटीज के एमडी बीरेन वकील ने कहा, 'अन्य संपत्ति श्रेणियों की साख खत्म होने के कारण सोना निवेश के सबसे पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरा है। पिछले 8 वर्षों से सोने में तेजी का रुख है जो ऐतिहासिक है। हालांकि सोने में कारोबारी ढर्रा साफ नहीं है और यह कारोबारियों तथा निवेशकों के लिए अच्छी बात नहीं है। फरवरी 2008 में सोना 13,000-14,000 रुपए के करीब था और एक साल बाद अब यह फिर उसी स्तर के आसपास है। इससे पता चलता है कि निवेशकों को कोई फायदा नहीं मिला है। जिन्होंने अस्थिरता के दौरान ऊंचे भाव पर सोना बेचा था और निचले स्तर पर खरीदारी की थी, उन्हें ही रिटर्न मिला है।' सोने की कीमतों में 21वीं सदी की शुरुआत से ही तेजी रही जो 2008 तक बरकरार रही। इस अवधि में वैश्विक बाजार में सोना 250 डॉलर प्रति औंस से बढ़कर अपैल 2008 में 1,032 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचा। बहरहाल सब-प्राइम संकट शुरू होने के बाद सोना अपना उच्चतम स्तर दोबारा हासिल नहीं कर सका। 2008 में सोने ने 680 डॉलर प्रति औंस का निचला स्तर दो बार छुआ लेकिन जल्दी ही इससे उबर गया।विशेषज्ञों के अनुसार घरेलू बाजार में सोना के 15,000 रुपए का स्तर छूने की मजबूत संभावना है। बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन लिमिटेड के अध्यक्ष सुरेश हुंडिया ने कहा, 'घरेलू बाजार में सोना अब तक के उच्चतम स्तर पर है। बहरहाल अधिक दाम के कारण मांग काफी गिर गई है लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड एक्सचेंज टेडेड फंड में निवेश करने वालों की तादाद काफी बढ़ी है। इससे कीमतों को सहारा मिलेगा।' वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के निदेशक (भारत) धर्मेश सोढ़ा ने ईटी से कहा, 'वित्तीय उथल-पुथल ने सोने में लोगों का भरोसा बढ़ाया है। दुनिया के सभी ईटीएफ के पास इस समय 1,011 टन सोना है और मांग अब भी बढ़ रही है।' (ET Hindi)

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