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25 दिसंबर 2008

यूपी की उठान कमजोर होने से सरसों के भाव में गिरावट

उत्तर प्रदेश के उत्पादक क्षेत्रों में लहिया (सरसों की एक किस्म) की आवक का दबाव बढ़ जाने का असर राजस्थान की मंडियों में सरसों के भाव पर पड़ रहा है। आगरा क्षेत्र में कोल्हू नई लहिया की पिराई में ज्यादा रुचि ले रहे हैं जिससे राजस्थान की सरसों की मांग कमजोर पड़ गई है।पिछले दो दिन के दौरान राजस्थान की मंडियों में सरसों के भाव में चार फीसदी और वायदा कारोबार जनवरी वायदा सरसों में तीन फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। सरसों में इस सप्ताह के दौरान करीब तीन फीसदी की और गिरावट की आशंका व्यक्त की जा रही है। भरतपुर के थोक कारोबारी पूरनमल अग्रवाल ने बताया कि मौसम साफ होने के साथ उत्तर प्रदेश में लहिया की आवक बढ़ने के कारण भरतपुर मंडी में लिवाली कम होने से दो दिन में सरसों के भाव करीब चार फीसदी अर्थात 110 रुपए क्विंटल उतरकर 2955 से 2960 रुपए क्विंटल रह गए।इस सप्ताह सरसों में इतनी ही और गिरावट की संभावना आशंका है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की मंडियों में लहिया की आवक बढ़ने से भरतपुर से आगरा के लिए सरसों की लदान में कमी आई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के जहांगीराबाद, बुलंदशहर और बदायूं जैसे कई इलाकों में सरसों की नई किस्म बोने और फसल जनवरी में ही आने की संभावना से भी बाजार में नरमी की धारणा बन गई है। वायदा सौदों में भाव गिरने से भी सरसों की लिवाली कमजोर हो गई है। एनसीडीईएक्स में पिछले दो दिन में जयपुर डिलीवरी जनवरी वायदा सरसों के भाव तीन फीसदी से ज्यादा घटकर 2917 रुपए क्विंटल रह गए। राजस्थान में रकबा बढ़ने के साथ अब तक मौसम अनुकूल रहने से व्यापारी भी सरसों उत्पादन में खासी बढ़ोतरी का अनुमान लगा रहे हैं। जयपुर के थोक कारोबारी अनिल चतर ने बताया कि राज्य की सभी मंडियों में उठाव घटने से दो दिन के दौरान जयपुर मंडी में सरसों मिल डिलीवरी के भाव करीब चार फीसदी यानी 130 रुपए घटकर 3010 से 3015 रुपए क्विंटल रह गए। सरसों में अभी गिरावट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। राज्य में इस साल सरसों के रकबे में 14 फीसदी की बढ़ोतरी और तापमान में ठंडक बढ़ना सरसों की फसल के लिए अनुकूल माना जा रहा है। हालांकि राज्य में नई सरसों की आवक फरवरी के दूसर पखवाड़े होने की संभावना है। (Business Bhaskar)

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