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24 दिसंबर 2008

आपूर्ति घटने से जायफल और जावित्री की कीमतें बढ़ीं

कोच्चि December 23, 2008
आपूर्ति में भारी कमी और मांग बढ़ने की वजह से जायफल और जावित्री की कीमतों में तेजी आई है।
जायफल की कीमत में प्रति किलोग्राम 20 से 40 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और छिलका रहित सबसे अच्छे किस्म के जायफल की कीमत स्थानीय बाजारों में 230 से 240 रुपये प्रति किलो है। छिलका वाले जायफल की कीमत 130 से 140 रुपये प्रति किलोग्राम है। जावित्री की सबसे अच्छे किस्म की कीमत मांग बढ़ने की वजह से 430 रुपये से 450 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। कटाई का सीजन अब समाप्त हो चुका है और बाजार सूत्रों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में आपूर्ति की गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है।उनका कहना है कि सीजन समाप्त होने के बाद आपूर्ति की समस्या होना आम बात है। केरल के एर्नाकुलम के किसानों के अनुसार असमान मौसमी परिस्थितियों और बारिश की कमी के कारण उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत की गिरावट आई थी। यही कारण था कि कटाई का पीक सीजन होने के बावजूद कीमतें आसमान छू रही थीं। लेकिन दिवाली सीजन के दौरान उत्तर भारतीय राज्यों द्वारा कम खरीदारी किए जाने से कीमतों में कमी भी देखी गई। उत्पादकों द्वारा इन मसालों का भंडार बनाए जाने के कारण आपूर्ति में कमी आई। कीमतों में बढ़ोतरी की यह एक प्रमुख वजह रही है। जायफल और जावित्री के बाजार में यह एक आम घटना है क्योंकि कटाई समाप्त होने के बाद दिसंबर से आपूर्ति घटनी शुरू हो जाती है। अगले फसल सीजन के मई में शुरू होने तक इन मसालों का कारोबार उत्पादकों और स्टॉकिस्ट के पास उपलब्ध भंडार से किया जाता है। भंडार भी काफी अधिक मौसमी परिस्थितियों पर निर्भर करता है। मसालों की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए नमीरहित परिस्थितियों का होना आवश्यक है। जायफल की गुणवत्ता के लिए फफूंदी का संक्रमण एक आम समस्या है। इसलिए, सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले जायफल और जावित्री की उपलब्धता सीजन समाप्त होने के बाद कम हो जाती है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जायफल और जावित्री की कीमतों में और अधिक बढ़ोतरी होगी क्योंकि विदेशी मांगों में वृध्दि हुई है।बाजार सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि छिलका वाले जायफल की कीमत 300 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर सकती है। कीमतों में ऐसी बढ़ोतरी 3-4 साल पहले भी हुई थी। स्थानीय बाजारों में जावित्री की भारी कमी होने के कारण इसकी कीमतें 600 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंच गई थी। अगले मई तक कम आपूर्ति होने के कारण कीमतों में इसी प्रकार की बढ़ोतरी होने से इइनकार नहीं किया जा सकता है। (BS Hindi)

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