कुल पेज दृश्य

24 नवंबर 2008

कृषि विकास दर 4.5 फीसदी : पवार

सकल घरेलू उत्पादन में गिरावट की आशंका के बावजूद भारत में कृषि विकास दर में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। इस बात की जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान कृषि विकास दर साढ़े चार फीसदी तक रह सकती है। कृषि मंत्री के मुताबिक मौजूदा समय में रबी फसलों की स्थिति बेहतर है। इससे आसानी से साढ़े चार फीसदी की कृषि विकास दर हासिल की जा सकती है। उन्होंने बताया कि यह स्थिति देश के कई राज्यों में मानसून में देरी के बावजूद देखी जा रही है। पावर के मुताबिक पिछले तीन सालों से कृषि क्षेत्र का लगातार विकास हो रहा है। पिछले साल भी देश की कृषि विकास दर करीब साढ़े चार फीसदी रही है। इस क्रम में इस साल भी स्थिति सकारात्मक है।गेहूं के रकबे में किसी भी तरह की गिरावट की बातों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि साल 2009 के दौरान भी गेहूं के उत्पादन में इजाफा हो सकता है। इस क्रम में केंद्र सरकार किसानों और कृषि आयुक्तो से लगातार संपर्क में है। अब तक की रिपोर्ट के मुताबिक गेहूं का रकबा और फसल की स्थिति संतोषजनक है। देश में चीनी उत्पादन पर पवार ने कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में मानसून में देरी होने की वजह से इस साल चीनी के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले गिरावट आ सकती है।हालांकि पिछले साल के110 लाख टन के बकाया स्टॉक की वजह से उत्पादन में गिरावट के बावजूद घरलू बाजारों में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी। कॉटन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य में कटौती का कोई प्रस्ताव सरकार के सामने नहीं आया है। ज्ञात हो कि जिनरों ने कॉटन के एमएसपी में कटौती की मांग की है। ऊंचे एमएसपी की वजह से बिनौला और धुनी रुई की बेहतर कीमतें उन्हें नहीं मिल पा रही हैं। पावर ने कहा किकीमतों को एमएसपी से नीचे आने से रोकने के लिए तीन सरकारी एजेंसियां खरीदी कर रही हैं। कृ षि जिंसों के वायदा पर लगे प्रतिबंध के बार में उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध महज नवंबर तक के लिए है। अवधि समाप्त होने के बाद यदि आयोग इसे आगे नहीं बढ़ाता है तो वायदा कारोबार पर लगा प्रतिबंध खुद समाप्त हो जाएगा। इस साल के शुरूआत में बढ़ती महंगाई का हवाला देकर सरकार ने चना, रबर, आलू और सोया तेल के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया था। वाण्ज्यि सचिव जीके पिल्लई ने कहा कि कॉटन के समर्थ मूल्य में त्तक्क् रुपये की बढ़ोतरी असाधारण। सरकार इस पर कर सकती है विचार । (Business Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: