कुल पेज दृश्य

19 नवंबर 2008

4.2 लाख गांठ कॉटन के निर्यात सौदे

वैश्विक बाजारों में भारत की नई कॉटन की मांग बढ़ने लगी है। इससे गुजरात से कॉटन के निर्यात में बढ़ोतरी होने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि निर्यातक और उद्योग भारत में ऊंचे भाव बताकर निर्यात में कमी का अनुमान लगा रहे थे। इस साल केंद्र सरकार द्वारा कॉटन के एमएसपी में तगड़ा इजाफा करने की वजह से घरलू बाजारों में कॉटन के भाव तेज हैं। जबकि वैश्विक बाजारों में कॉटन के भाव लगातार गिरते जा रहे हैं। ऐसे में यहां से निर्यात में कमी आने की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन गुजरात के संयुक्त टेक्स्टाइल कमिशनर बी. ए. पटेल के मुताबिक सरकार द्वारा एक्सपोर्ट अथॉराइजेशन रजिस्ट्रेशन योजना के लागू होने के बाद निर्यात सौदों में बढ़त दर्ज की गई है। अब तक करीब 4.21 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन के निर्यात सौदो हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर सौदे बांगलादेश और वियतनाम के लिए हुए हैं। अब तक हुए सौदों में से करीब 50,953 गांठ कॉटन का निर्यात भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि निम्न लिटी के कॉटन की मांग ज्यादातर डेनिम कंपनियों की ओर से हो रही है। इससे पहले यहां से कॉटन के निर्यात में गिरावट होने की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि पिछले साल इस अवधि के दौरान करीब 20 लाख गांठ कॉटन का निर्यात हुआ था। इस दौरान घरलू बाजारों में कॉटन के आयात में भी इजाफा देखा जा रहा है। ज्ञात हो कि चालू साल के लिए सरकार ने कॉटन के समर्थन मूल्य में इजाफा कर इसे 2500-3000 रुपये प्रति `िंटल कर दिया है। इस दौरान वैश्विक बाजारों में कॉटन की कीमतों में तगड़ी गिरावट आ चुकी है। ऐसे में कपड़ा और धागा कंपनियां घरलू बाजारों की बजाय वैश्विक बाजारों से कॉटन खरीदना ज्यादा मुनासिब समझ रही हैं। लिहाजा आयात में इजाफा हो सकती है। मौजूदा समय में घरलू गारमेंट कंपनियों को वैश्विक बाजारों में कॉटन 15-20 फीसदी सस्ता बैठ रहा है। भारतीय बाजारों में कपास 54 सेंट प्रति पौंड है। इस समय भारत में पाकिस्तान से आयातित कपास के दाम (एफओबी) 46 सेंट प्रति पौंड हैं। अमेरिका से कपास का आयात 47 सेंट प्रति पौंड पर हो रहा हैं। इस वजह से वर्धमान यार्न एंड थ्रेड लिमिटेड, नाहर टैक्सटाइल, विनसम और अरविंद मिल्स सहित कई कंपनियां विदेशों से कपास का आयात कर रही हैं। वर्धमान यार्न एण्ड थ्रेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डी. एल. शर्मा ने बताया कि पाकिस्तान और अमेरिका से आयात किया कपास घरेलू बाजार के मुकाबले सस्ता पड़ रहा है। उनकी कंपनी ने पाकिस्तान ट्रायल के लिए कुछ कपास मगांया है। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री के महानिदेशक डी. के. नायर के अनुसार अभी कंपनियों का आयात काफी कम है। यदि कुछ दिनों में घरेलू बाजार में कपास के दामों में गिरावट नहीं आती है तो आयात में तेज़ी से बढ़ोतरी हो सकती है। (Business Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: