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31 अक्तूबर 2008

लंबी मंदी के बाद मांग बढ़ने से बिनौला तेल के भाव चढ़े

बिनौला तेल में लोकल के साथ-साथ गुजरात की अच्छी मांग निकलने से पिछले तीन-चार दिनों में 320 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 4150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। जानकारों के अनुसार आगामी दिनों में मांग में और भी बढ़ोतरी की संभावना से बिनौला व बिनौला तेल के भावों में तेजी का रुख कायम रह सकता है।पंजाब की मानसा मंडी के व्यापारी संजीव गर्ग ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से बिनौला तेल में गुजरात लाइन के साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग बढ़ने से 320 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 4150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। गत सप्ताह के आखिर में इसके भाव घटकर 3820 रुपये प्रति क्विंटल रह गए थे। बिनौला तेल के भावों में आई तेजी का असर बिनौला के भाव पर देखने को मिला। कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने बिनौला के भाव 25 रुपये बढ़ाकर 1310 रुपये प्रति क्विंटल कर दिए जबकि हाजिर बाजार में इसके भाव बढ़कर 1320 से 1325 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उन्होंने बताया कि सरसों तेल के मुकाबले बिनौला तेल का भाव 200 से 300 प्रति क्विंटल कम रहता है लेकिन पिछले दो-तीन महीनों से क्रुड पॉम ऑयल (सीपीओ) के भावों में आई एकतरफा भारी गिरावट से बनौला तेल के भाव काफी नीचे चले गए थे।बिनौला तेल का ज्यादातर उपयोग वनपस्पति घी बनाने में होता है तथा सीपीओ की खपत भी वनस्पति घी बनाने में ही होती है। अत: सीपीओ के भावों में आई भारी गिरावट के असर से सरसों तेल के मुकाबले बिनौला तेल के भाव 2000 से 2200 रुपये प्रति क्विंटल नीचे हो गए थे। बिनौला खल में इस दौरान उठान बढ़ने से करीब 40 से 50 रुपये की तेजी आकर भाव 1130 से 1150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। किसान इस समय धान व कपास की फसल में व्यस्त होने के कारण बिनौला खल में मांग सीमित देखी जा रही है। नवंबर के दूसरे पखवाड़े में बिनौला खल में लोकल के साथ ही दिसावरी मांग निकलने से और भी तेजी बन सकती है।भाव गिरने पर कॉटन की सरकारी खरीद तेजनई दिल्ली। चालू कॉटन सीजन के दौरान केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों के माध्यम से करीब 10 लाख `िंटल कॉटन की खरीद कर चुकी है। कॉटन के गिरते भावों के माहौल में किसानों ने सरकारी केंद्रों पर कपास की बिक्री बढ़ा दी है। इससे सरकारी खरीद तेज हो गई है। कॉटन कारपोरशन ऑफ इंडिया द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस साल 29 अक्टूबर तक करीब 9.87 लाख `िंटल कॉटन की खरीद हो चुकी है। कपड़ा मंत्रालय में संयुक्त सचिव जे. एन. सिंह ने बताया कि सरकार एमएसपी के भाव पर कॉटन की तेजी से खरीद कर रही है जो भी किसान बेचने आ रहे हैं उनसे खरीद जरूर हो रही है। गौरतलब है कि इस साल सरकार ने कॉटन के समर्थन मूल्य में इजाफा कर लांग स्टेपल का एमएसपी 3000 रुपये `िंटल और मीडियम स्टेपल का भाव बढ़ाकर 2500 रुपये `िंटल कर दिया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक किसानों द्वारा बढ़कर सरकार को कॉटन बेचने की वजह से अगले साल मार्च तक करीब 100-125 लाख क्विंटल कॉटन की खरीद होने की संभावना जताई जा रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल सरकार ने करीब 27.5 लाख गांठ कॉटन की खरीद की थी। (Business Bhaskar.............R S Rana)

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