कुल पेज दृश्य

27 अक्तूबर 2008

एफसीआई को 30 हजार टन गेहूं की निविदाएं प्राप्त हरुइ

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार में गेहूं बेचने के लिए 30 हजार टन गेहूं की निविदांए मिल चुकी हैं। घरलू बाजरों में बढ़ती कीमतों में नकेल के लिए एफसीआई ने दिल्ली में 50 हजार टन गेहूं की बिक्री हेतु निविदाएं मांगी थी। जिसकी बिक्री के लिए 49 निविदाएं 1027.10 -1040 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्राप्त हुई है। केंद्र सरकार ने 17 सितंबर को 9.09 लाख टन गेहूं खुले बाजार की बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बेचने की घोषणा की थी तथा देश के विभिन्न राज्यों के लिए गेहूं की मात्रा और कीमत तय की गई थी। यह कीमत 1021 रुपये से 1358 रुपये प्रति क्विंटल थी। दिल्ली में 50 हजार टन गेहूं की बिक्री के लिए 1027 रुपये प्रति क्विंटल का भाव तय किया था। उक्त गेहूं की बिक्री त्यौहारों को देखते हुए सितंबर व अक्टूबर में होनी थी। ये अलग बात है कि दिल्ली की मिलों में इसकी आवक दीपावली के बाद यानि नवंबर में ही बन पायेगी। पिछले वर्ष तक एफसीआई राज्यवार गेहूं के भाव तय करती थी तथा मिलें अपनी जरुरत के हिसाब से गेहूं की खरीददारी कर लेती थी। चालू वर्ष में एफसीआई ने टेंडर के माध्यम से गेहूं बेचने का फैसला किया है।लारेंस रोड़ के गेहूं व्यापारी कमलेश जैन ने बताया कि दिल्ली की 13 मिलों व 36 चक्कियों ने निविदाएं भरी हैं। इसमें मिलों ने 1028 रुपये प्रति क्विंटल व चक्कियों ने 1027.10 रुपये से 1027.50 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से निविदाएं भरी हैं जबकि दिल्ली की एक बड़ी मिल ने 1040 रुपये प्रति क्विंटल की दर से निविदा भरी है। इसमें कम से कम 100 टन व ज्यादा से ज्यादा 1000 टन गेहूं के लिए निविदाएं भरी जानी थी। सूत्रों के अनुसार चूंकि एफसीआई ने 50 हजार टन गेहूं बेचने हेतु निविदाएं मांगी थी लेकिन मात्र 30 हजार टन की ही निविदाएं प्राप्त हुई है अत: एफसीआई मिलों को दिए जाने वाले गेहूं की मात्रा बढ़ा सकती है। नया बाजार के गेहूं व्यापारी राजीव कुमार ने बताया कि लारेंस रोड़ पर गेहूं के भाव शनिवार को 1110 रुपये प्रति क्विंटल व आवक करीब 8000 बोरियों की हुई। उन्होंने बताया कि एफसीआई द्वारा यह गेहूं मायापुरी व घेवरा गोदामों से दिया जाना है तथा इसमें भाव के अलावा करीब 50 रुपये प्रति क्विंटल का खर्चा आने से मिलों में पहुंच करीब 1078 रुपये प्रति क्विंटल बैठेगा। अत: उक्त गेहूं की आवक बनने के बाद दिल्ली बाजार में गेहूं के भावों में 30 से 40 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ सकती है। चालू वर्ष 2007-08 में देश में गेहूं का उत्पादन 784 लाख टन का हुआ था तथा एफसीआई ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से रिकार्ड 225 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। वर्ष 2008-09 में केंद्र सरकार ने गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य 785 लाख टन का रखा है जबकि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग ने नई फसल हेतु गेहूं का एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की मांग की है। कई राज्यों में विधानसभा व फिर लोकसभा चुनाव को देखते हुए उम्मीद है कि केंद्र सरकार गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 1080 रुपये प्रति क्विंटल तय कर सकती है। जानकारों का मानना है कि उक्त गेहूं का उठाव नवंबर के प्रथम पखवाड़े में बनने से गेहूं के मौजूदा भावों में 30 से 40 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ सकती है। (Business Bhaskar.............R S Rana)

कोई टिप्पणी नहीं: