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25 सितंबर 2008

कम स्टॉक और त्यौहारी मांग से सरसों में तेजी

उत्पादक मंडियों में स्टॉक कम होने के साथ ही त्यौहारी मांग निकलने से सरसों व सरसों तेल के भावों में तेजी का रुख बना हुआ है। स्थानीय बाजार में पिछले एक सप्ताह में जहां 42 प्रतिशत कंडीशन की सरसों के भावों में 175 रुपये की तेजी के साथ भाव 3150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। वहीं सरसों तेल के भावों में इस दौरान 500 रुपये की तेजी आकर भाव 6700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। बिहार, पश्चिम बंगाल व असम की मांग अक्टूबर में भी जारी रहने की उम्मीद है जिससे इसके भावों में अभी तेजी कायम रह सकती है।लारेंस रोड स्थित मैसर्स अशोका ट्रेडर्स के अशोक कुमार ने बिजनेस भास्कर को बताया कि गत वर्ष देश में सरसों का उत्पादन 50 लाख टन का हुआ था जबकि बकाया स्टॉक मात्र 4 लाख टन ही होने के कारण कुल उपलब्धता 54 लाख टन थी। देश में सरसों की औसतन खपत हर माह 5 लाख टन की मानी जाती है, इस हिसाब से नई फसल आने के बाद से अभी तक करीब 34 से 35 लाख टन सरसों की पिराई हो चुकी है तथा मंडियों में मात्र 19 से 20 लाख टन का स्टॉक ही बचा हुआ है जबकि नई फसल की आवक 15 फरवरी के बाद ही बन पाएगी। अत: नई फसल आने तक घरेलू खपत के लिए 22 से 25 लाख टन सरसों की आवश्यकता होगी। इसके परिणाम स्वरूप ही स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने व त्यौहारी मांग निकलने से सरसों व सरसों तेल में तेजी बनी हुई है।उन्होंने बताया कि सरसों के प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश व गुजरात में सितंबर में अच्छी वर्षा हुई है जिससे इसके बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होना निश्चित है। वैसे भी सरसों के वर्तमान भाव किसानों को इसकी बुवाई की तरफ आकर्षित करेंगे। उत्पादक राज्यों में मौसम अनुकूल बना हुआ है तथा नवरात्रों के बाद सरसों की बुवाई शुरू हो जाएगी। पश्चिम बंगाल के सरसों तेल मिल मालिक आलोक चौधरी ने बताया कि उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों के भावों में आई तेजी का असर पश्चिम बंगाल में भी देखा जा रहा है। पिछले एक सप्ताह में यहां सरसों के भावों में 150 रुपये की तेजी आकर नॉन कंडीशन सरसों के भाव 3250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उन्होंने बताया कि अक्टूबर तक त्यौहारी मांग जारी रहने से इसमें तेजी तो बनी रह सकती है लेकिन नवंबर में बुवाई की खबरें आनी शुरू हो जाएगी, चूंकि उत्पादक राज्यों में मौसम बुवाई के अनुकूल है इसलिए बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हो सकती है। अत: फिर भावों में गिरावट आने की संभावना है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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