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30 अगस्त 2008

जुर्माना नहीं बढ़ाएगा एफएमसी


एजेंसियां / नई दिल्ली August 29, 2008
जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने आपूर्ति चूक जुर्माने में बढ़ोतरी की कारोबारियों एवं निर्यातकों की मांग खारिज कर दी है। आयोग का कहना है कि वह अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है।
आयोग के अध्यक्ष बी सी खटुआ ने कहा, 'भारी जुर्माना लगाना ही एकमात्र समाधान नहीं है। हाल ही में इसे आठ प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत किया गया था .. और हम इसे अब नहीं बढ़ा सकते।' ऊंझा, गुजरात की कृषि उत्पाद विपणन समिति ने आयोग से आग्रह किया था कि विक्रेताओं पर जुर्माना राशि को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाए या जिंस की 100 प्रतिशत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।जीरा निर्यातकों ने भी आपूर्ति चूक की शिकायत की थी क्योंकि विक्रेता कारोबारी अनुबंध की राशि का 2.5 प्रतिशत जुर्माने के रूप में चुकाकर बाजार से हट सकते हैं। खटुआ ने कहा, 'जुर्माना प्रावधानों से इतर, हम चूककर्ताओं को दंडित करने के अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।'एफएमसी जिन विकल्पों पर फिलहाल विचार कर रहा है उनमें एक यह भी है कि एक्सचेंज खरीदारी करते हुए विपक्षी पार्टी को आपूर्ति सुनिश्चित करे तथा वायदा एवं हाजिर भाव के अंतर की वसूली चूककर्ता से की जाए। वायदा बाजार में अनेक कृषि जिंसों में आपूर्ति को अनिवार्य कर दिया गया है और नियमाक को इस बात की काफी शिकायतें मिल रही हैं कि जुर्माना राशि कम होने के कारण चूककर्ताओं की संख्या बढ़ रही है।खटुआ ने कहा कि कई मामलों में डीफॉल्ट उतने बड़े नहीं रहे हैं लेकिन 'बेहतर कारोबारी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए हम और तंत्र को और सुदृढ़ कर रहे हैं।' दूसरी तरफ एनसीडीईएक्स ने डिलीवरी से संबंधित किसी डीफॉल्ट से साफ इनकार कर दिया।एनसीडीईएक्स के मुख्य व्यावसायिक अधिकारी उनोपम कौशिक ने कहा, 'हमारे यहां डीफॉल्ट का कोई मामला नहीं है क्योंकि सभी सौदों का निपटान अनुबंध की शर्तों के अनुसार किया गया है।' कारोबारी और निर्यातकों द्वारा एनसीडीईएक्स पर जीरे के सौदों में अधिकतम डिलीवरी डीफॉल्ट संबंधी आरोपों को उन्होंने बेबुनियाद बताया। (Business Standard)

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